भारतीय खिलाड़ी को पाया गया प्रतिबंधित HGH पॉजिटिव, देश में पहला है ऐसा मामला
भारोत्तोलक प्रदीप सिंह को प्रतिबंधित मानव वृद्धि हार्मोन यानी HGH का पॉजिटिव पाया गया है ये इस तरह का पहला मामला है।
नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क। राष्ट्रमंडल खेलों (Commonwealth Games) में रजत पदक जीतने वाले भारोत्तोलक (Weight lifters) प्रदीप सिंह को प्रतिबंधित मानव वृद्धि हार्मोन (Human growth Hormone) का पॉजिटिव पाया गया है और यह इस तरह का पहला मामला भी है। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने HGH पॉजिटिव पाए जाने के बाद प्रदीप सिंह पर अस्थायी रूप से एक साल का प्रतिबंध भी लगा दिया।
नाडा के महानिदेशक नवीन अग्रवाल ने बुधवार को कहा कि प्रदीप पर नाडा ने निगाह लगाई हुई थी और पिछले साल सूचना मिलने के बाद ही उनके खून के नमूने लिए गए जिसमें वह डोपिंग परीक्षण में विफल रहे और उन पर प्रतिबंध लगा दिया गया। भारतीय एथलीट द्वारा एचजीएच इस्तेमाल (मूत्र के नमूने में पाए जाने) का ही यह पहला मामला नहीं है बल्कि यह पहली बार है कि खून के नमूने में भी यह पाया गया।
उन्होंने बताया है कि हमें सूचना मिली थी कि कुछ खिलाड़ी एचजीएच का इस्तेमाल कर रहे हैं इसलिए प्रदीप सिंह उन खिलाड़ियों में शामिल था जिन पर हमने निगाह लगाई (टारगेट टेस्टिंग) हुई थी। सिंह के खून के नमूने पिछले साल दिसंबर में टूर्नामेंट के बाहर पटियाला में शिविर के दौरान लिए गए थे और मार्च में आए ए नमूने का नतीजा एचजीएच का पॉजिटिव आया। लेकिन एजेंसी ने बी नमूने की जांच का इंतजार किया और फिर उनकी रिपोर्ट को सार्वजनिक किया।
ब्रिटिश जरनल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन के अनुसार, एथलीट और बॉडीबिल्डर दावा करते हैं कि एचजीएच से वसा कम होती है और मांसपेशियां बढ़ती हैं। अंतरराष्ट्रीय महासंघों और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने 1989 से एचजीएच को निषिद्ध पदार्थो की सूची में डाला हुआ है। अग्रवाल ने कहा, 'इस समय हम खून के नमूने एकत्रित नहीं कर रहे हैं क्योंकि यात्रा करना मुश्किल है। इसमें लॉजिस्टिकल मुद्दे हैं।' अब नमूने विदेशों में विश्व डोपिंग रोधीज एजेंसी से मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में भी ही भेजे जाते हैं तो अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्राओं पर मौजूदा प्रतिबंध से खून के नमूने एकत्रित करने में बाधा आती है।