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विशेष भृगुवंशी बोले- सिर्फ पुरस्कार के लिए खेलना अपने साथ ही नाइंसाफी करना

भारतीय बास्केटबॉल खिलाड़ी विशेष भृगुवंशी ने दैनिक जागरण से बात करते हुए कहा है कि सिर्फ पुरस्कार के लिए खेलना अपने साथ ही नाइंसाफी करना है।

By Vikash GaurEdited By: Published: Wed, 26 Aug 2020 07:38 AM (IST)Updated: Wed, 26 Aug 2020 07:38 AM (IST)
विशेष भृगुवंशी बोले- सिर्फ पुरस्कार के लिए खेलना अपने साथ ही नाइंसाफी करना

नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क। भारतीय बास्केटबॉल टीम के कप्तान विशेष भृगुवंशी को 29 अगस्त राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर बास्केटबॉल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। खेल मंत्रालय ने इसकी घोषणा कर दी हैं। अब तक के करियर और भविष्य की योजनाओं व अन्य मुद्दों पर विशेष भृगुवंशी से निशांत चौधरी ने खास बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश :-

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-क्या आप बचपन से बास्केटबॉल खेलते थे?

--नहीं, स्कूल व कॉलेज के समय मैं फुटबॉल खेला करता था। फिर बड़े भाई विभोर भृगुवंशी (भारतीय अंडर-16 पुरुष बास्केटबॉल टीम के कोच) ने बास्केटबॉल खेलने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बास्केटबॉल खेलना सिखाया। लंबाई अच्छी थी तो खेलने में मजा आने लगा और पता ही नहीं चला कब 2006 में भारतीय टीम में आ गया। 2008 से भारतीय सीनियर टीम में खेलना शुरू किया और 2010 में सीनियर टीम का कप्तान बना। आज भी भारतीय बास्केटबॉल टीम का कप्तान हूं।

 -बास्केटबॉल में अब तक का सफर कैसा रहा?

--मैं मेहनत करने में विश्वास रखता हूं। जब से मैंने बास्केटबॉल खेलना शुरू किया है तब से कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और न ही कभी थका हुआ महसूस किया। 2006 से अभी तक मेरा करियर अच्छा रहा है। इंजुरी के कारण कुछ उतार-चढ़ाव आए, लेकिन मेहनत के आगे सब सही रहा। आगे भी खुद को फिट रखना है और अपने खेल में सर्वोच्च स्थान पाना है।

-युवा खिलाड़ियों को क्या संदेश देना चाहेंगे? 

--मेरा सभी युवा खिलाड़ियों से कहना है कि अगर आप अपने खेल में अच्छा प्रदर्शन करोगे तो आपको पुरस्कार जरूर मिलेगा। खिलाड़ी अपने खेल को धार बनाकर चलें। पुरस्कार खुद आपको मिल जाएंगे। सिर्फ पुरस्कार पाने के लिए खेलना अपने साथ ही नाइंसाफी करना है। खिलाड़ियों को जरूरत है कि सुविधाओं का लाभ उठाकर अपने खेल को मजबूत बनाएं।

 -अर्जुन पुरस्कार मिलने की घोषणा पर क्या कहना है?

--उस पल को भुला नहीं पा रहा हूं जब पुरस्कार मिलने का पता चला था। मैं यही कहना चाहता हूं कि यह पुरस्कार आज मुझे मिला है, कल किसी और प्रतिभावान खिलाड़ी को मिलेगा। मैं इस अवॉर्ड के साथ युवाओं को बताना चाहता हूं कि यह अच्छा रास्ता है। आप बास्केटबॉल खेलकर भी अर्जुन अवॉर्ड प्राप्त कर सकते हैं। मुझे उम्मीद है कि इसके बाद बहुत सारे लोग बास्केटबॉल के प्रति अपना मन बनाएंगे।

 -सरकार को खेलों को बढ़ावा देने के लिए क्या करना चाहिए?

--आज के समय में जो सुविधाएं सरकार दे रही है, शुरुआती दौर में इतना कुछ नहीं था। विदेशों में कैंप हो रहे हैं, इंडोर कोर्ट मिल रहे हैं, अच्छे उपकरण मिल रहे हैं, बस जरूरत है कि खिलाड़ी इन सुविधाओं का लाभ उठाएं। खिलाड़ी अपने खेल को जितना आगे लेकर जाएंगे। सरकार उतनी ही सुविधाएं बढ़ाएगी।


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