Tokyo Paralympics: पैरालिंपिक में भारत की ऐतिहासिक सफलता, पदकों की संख्या 13 हुई
साल 1968 में पहली बार पैरालिंपिक में भाग लेने वाले भारत ने मौजूदा आयोजन से पहले तक कुल 12 पदक जीते थे और इस बाद एक ही आयोजन में उसने 13 पदक जीतकर ऐतिहासिक सफलता हासिल कर ली है।
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। टोक्यो पैरालिंपिक में दो दिन के सूखे के बाद आखिरकार भारत की झोली में शुक्रवार को तीन पदक आए, जिसके साथ मौजूदा खेलों में भारत के पदकों की संख्या 13 हो गई है। साल 1968 में पहली बार पैरालिंपिक में भाग लेने वाले भारत ने मौजूदा आयोजन से पहले तक कुल 12 पदक जीते थे और इस बाद एक ही आयोजन में उसने 13 पदक जीतकर ऐतिहासिक सफलता हासिल कर ली है।
अवनि का डबल
मौजूदा खेलों में पहले ही 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा का स्वर्ण पदक अपने नाम कर चुकीं निशानेबाज अवनि लेखरा ने शुक्रवार को 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन स्पर्धा के कांस्य के साथ अपना दूसरा पैरालिंपिक पदक जीता। जयपुर की अवनि ने फाइनल में कुल 445.9 अंक का स्कोर बनाया। इसके साथ ही 19 साल की अवनि दो पैरालिंपिक पदक जीतने वालीं पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई। उनसे पहले जोगिंदर सिंह सोढ़ी (1984 पैरालिंपिक, तीन पदक) एक ही पैरालिंपिक में एक से अधिक पदक जीतने वाले एकमात्र भारतीय थे।
प्रवीण ने बनाया एशियाई रिकार्ड
भारत को दिन का पहला पदक प्रवीण कुमार ने दिलाया। उन्होंने पुरुषों की ऊंची कूद में रजत पदक जीता। 18 साल के प्रवीण ने पैरालिंपिक में पदार्पण करते हुए 2.07 मीटर की कूद से एशियाई रिकार्ड भी बनाया। इसी के साथ नोएडा के रहने वाले प्रवीण मौजूदा भारतीय दल के सबसे युवा पदक विजेता भी बन गए।
हरविंदर बने पहले पदक विजेता तीरंदाज
भारतीय पुरुष तीरंदाज हरविंदर सिंह ने शुक्रवार को पुरुष व्यक्तिगत रिकर्व स्पर्धा के कांस्य पदक पर निशाना साधा। हरियाणा के कैथल के निवासी हरविंदर ने कोरिया के किम मिन सू को 6-5 से हराकर यह पदक अपने नाम किया। इसी के साथ 31 साल के हरविंदर पैरालिंपिक के इतिहास में पदक जीतने वाले पहले भारतीय तीरंदाज बन गए।
प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाइयां
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ' अवनि लेखरा के शानदार प्रदर्शन से बेहद उत्साहित हूं। देश के लिए कांस्य पदक जीतने पर उन्हें बधाइयां। पैरालिंपिक में रजत पदक जीतने वाले प्रवीण कुमार पर गर्व है। यह पदक उनकी कड़ी मेहनत और अद्वितीय समर्पण का नतीजा है। उन्हें बधाई। हरविंदर ने महान कौशल और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया, जिसके चलते उन्होंने पदक जीता। ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतने पर उन्हें बधाई।'