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Tokyo Olympics: कभी जान बचाने के लिए तीन घंटे तक समंदर में तैरी युसरा मर्दानी , अब लिया ओलिंपिक में भाग

सीरिया की युसरा मर्दानी ने शरणार्थी ओलिंपिक टीम से भाग लिया उनके संघर्ष की कहानी फिर चर्चा का विषय बन गई। सीरिया से रियो ओलिंपिक और उसके बाद फिर टोक्यो ओलिंपिक तक के सफर में उन्होंने कई पहाड़ जैसी मुसीबतों का सामना किया।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 09:09 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 09:09 PM (IST)
Tokyo Olympics: कभी जान बचाने के लिए तीन घंटे तक समंदर में तैरी युसरा मर्दानी , अब लिया ओलिंपिक में भाग
सीरिया की युसरा मर्दानी ने शरणार्थी ओलिंपिक टीम से भाग लिया (एपी फोटो)

टोक्यो, एपी। टोक्यो ओलिंपिक की 100 मीटर स्पर्धा में जैसे ही सीरिया की युसरा मर्दानी ने शरणार्थी ओलिंपिक टीम से भाग लिया उनके संघर्ष की कहानी फिर चर्चा का विषय बन गई। सीरिया से रियो ओलिंपिक और उसके बाद फिर टोक्यो ओलिंपिक तक के सफर में उन्होंने कई पहाड़ जैसी मुसीबतों का सामना किया। युसरा के लिए रास्ता कभी आसान कभी नहीं था लेकिन खेल से प्यार करने की ललक ने उन्हें सिर्फ आगे बढ़ना सिखाया।

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जब साल 2016 रियो ओलिंपिक में शरणार्थी ओलिंपिक टीम ने भाग लिया था तो पूरी दुनिया के रिफ्यूजी लोगों में एक उम्मीद जगी थी कि वो भी अब सामने आकर अपनी हिम्मत को, अपने खेल को दिखा सकते हैं। उस समय युसरा 17 साल की थी, जब सीरियाई गृहयुद्ध चल रहा था। वह तीन घंटों तक खुले समंदर में तैरती रहीं और डूबती बोट में से लोगों को बचाती रहीं। फिर वह ग्रीस से लेकर जर्मनी तक पैदल भी गईं। इस तरह की तमाम समस्याओं से पार पाते हुए उन्होंने 100 मीटर बटलफ्लाई टोक्यो ओलिंपिक्स स्पर्धा में भाग लिया, हालांकि वह पिछली बार की तरह इस बार भी पदक पर कब्जा जमाने में असफल रहीं।

इजरायल के प्रतियोगी से लड़ने के बजाय खिलाड़ी ने छोड़ दिया ओलिंपिक

टोक्यो, एपी। टोक्यो ओलिंपिक में इजरायल के खिलाड़ी का सामना करने से एक और खिलाड़ी ने मना कर दिया। सूडान के जूडो खिलाड़ी मुहम्मद अब्दुलरसूल ने इजरायल के खिलाड़ी से लड़ने से इन्कार कर दिया है और ओलिंपिक से ख़ुद ही बाहर हो गया। दरअसल 73 किलोग्राम वर्ग में मुहम्मद अब्दुलरसूल को इजरायल के तोहार बत्बल का सामना करना था मगर उन्होंने इससे इन्कार कर दिया।

वहीं अब्दुलरसूल को पहले राउंड में अल्जीरिया के खिलाड़ी फ़ेतही नूरीन का सामना करना था मगर फ़ेतही ने भी इजरायली खिलाड़ी से लड़ने की संभावना के बाद अपना नाम वापस ले लिया। हालांकि अफ्रीकी विजेता को इसके बाद अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति ने प्रतिबंधित कर दिया और वापस भेज दिया। नुरीन ने खेलने से मना करने के बाद कहा था कि हमने ओलिंपिक तक पहुंचने के लिए बहुत मेहनत की है लेकिन फलस्तीनियों का मुद्दा इस सब से बड़ा है। हालांकि अभी तक इसकी जानकारी नहीं है कि अब्दुलरसूल ने ओलिंपिक क्यों छोड़ा। ऐसा माना जाता है कि सूडान के इजरायल के साथ कूटनीतिक रिश्ते हैं।

स्कूली छात्रा जेकोबी ने जीता स्वर्ण पदक

टोक्यो, एपी। अमेरिका की स्कूली छात्रा लीडिया जेकोबी ने टीम की अपनी साथी और गत ओलिंपिक चैंपियन लिली किंग को पछाड़कर टोक्यो ओलिंपिक की महिला 100 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक तैराकी स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। 17 साल की जेकोबी अमेरिका की ओलिंपिक तैराकी टीम में जगह बनाने वाली अलास्का की पहली तैराक हैं। जेकोबी ने एक मिनट 4।95 सेकेंड के समय के साथ खिताब अपने नाम किया। दक्षिण अफ्रीका की ततजाना श्कोनमेकर ने एक मिनट 5.22 सेकेंड के साथ रजत पदक जीता जबकि लिली ने एक मिनट 5.54 सेकेंड के साथ कांस्य पदक जीतकर अमेरिका को स्पर्धा का दूसरा पदक दिलाया।


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