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कॉमनवेल्थ खेल 2018 शुरू भी नहीं हुए थे और इस खिलाड़ी ने जीत लिया पहला पदक, जानिए कैसे?

टेलाह राबर्टसन 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाली पहली खिलाड़ी बन गई हैं।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Wed, 04 Apr 2018 05:35 PM (IST)Updated: Thu, 05 Apr 2018 10:33 AM (IST)
कॉमनवेल्थ खेल 2018 शुरू भी नहीं हुए थे और इस खिलाड़ी ने जीत लिया पहला पदक, जानिए कैसे?
कॉमनवेल्थ खेल 2018 शुरू भी नहीं हुए थे और इस खिलाड़ी ने जीत लिया पहला पदक, जानिए कैसे?

नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। गोल्ड कोस्ट में  21वें कॉमनवेल्थ गेम्स का उद्घाटन समारोह अभी चल ही रहा है, लेकिन एक खिलाड़ी ने बिना मुकाबले खेले ही अपना पदक पक्का कर लिया है। इसी के साथ आस्ट्रेलियाई मुक्केबाज टेलाह राबर्टसन 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाली पहली खिलाड़ी बन गई हैं और उन्होंने रिंग में उतरे बिना यह पदक पक्का किया। महिलाओं के 51 किग्रा में बाई मिलने से उन्होंने सीधे सेमीफाइनल में प्रवेश किया।

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राबर्टसन ने जीता 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स का पहला पदक

इस 19 वर्षीय खिलाड़ी ने अपने भार वर्ग में कम मुक्केबाज होने के कारण उनका कांस्य पदक तो पक्का हो गया है। पहली बार कॉमनवेल्थ खेलों में भाग ले रही राबर्टसन ने कहा कि वह केवल कांस्य पदक से ही संतोष नहीं करना चाहती। राबर्टसन ने कहा, ‘‘मैं स्वर्ण पदक चाहती हूं और मैं यहां कांस्य पदक के लिये रिंग पर नहीं उतरूंगी।’’ आपको बता दें कि भारत ने महिलाओं के 51 किग्रा कैटेगरी वर्ग में मुक्केबाज नहीं उतारे हैं। 

मैरी कॉम के नाम कॉमनवेल्थ में नहीं मेडल

भारतीय खिलाड़ियों का ऐसा भाग्य नहीं रहा और इनमें स्टार एमसी मेरी कॉम (48 किग्रा) भी शामिल हैं जिन्हें 8 अप्रैल को अपना क्वार्टर फाइनल मुकाबला खेलना है। 5 बार की वर्ल्ड चैंपियन मैरी कॉम के नाम फिलहाल कॉमनवेल्थ गेम्स में कोई मेडल नहीं है और अब उनकी नज़र इस सूखे को खत्म करने पर है। मुकाबला 6 अप्रैल को दोपहर 2 बजे होगा।

भारत की तरफ से गुरुवार को केवल राष्ट्रमंडल खेल 2010 के स्वर्ण पदक विजेता मनोज कुमार (91 किग्रा) ही रिंग में उतरेंगे। बता दें कि गोल्ड कोस्ट कॉमनवल्थ गेम्स में भारत ने 200 से ज्यादा खिलाडि़यों का दल भेजा है। भारतीय खिलाड़ी कुल 10 इवेंट में अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। 2014 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत पांचवें नंबर पर रहा था। इंग्लैंड, ऑस्ट्रेेलिया, कनाडा और मेजबान स्कॉटलैंड पदक तालिका में भारत से आगे थे। लेकिन इस बार उम्मीद है कि पदकों की संख्या के आधार पर भारत शीर्ष तीन देशों में शामिल रहेगा।

भारत का दूसरा सबसे बड़ा दल

218 खिलाड़ियों का ये दल भारत का अभी तक का कॉमनवेल्थ का दूसरा सबसे बड़ा दल है। इससे पहले भारत ने वर्ष 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी की थी। देश की राजधानी नई दिल्ली में खेल आयोजित हुए थे। भारत ने इन खेलों में 619 खिलाड़ि‍यों का भारी भरकम दल उतारा था और भारतीय दल इन खेलों में 38 स्वर्ण सहित 101 पदक जीतने में कामयाब रहा था। इसके चार साल बाद यानी वर्ष 2014 में ग्लास्गो में आयोजित भारत के 215 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था जिन्होंने 15 स्वर्ण सहित 64 पदक हमारे खिलाड़ि‍यों ने जीते थे।

इस वजह से नहीं हुए थे दो कॉमनवेल्थ

कॉमनवेल्थं देशों में में वह सभी 53 देश शामिल हैं जो कभी ब्रिटिश औपनिवेशिक व्यवस्था का हिस्सा थे। पहला राष्ट्रमंडल खेल 1930 में कनाडा में खेला गया था और तब से ही इसका आयोजन हर 4 साल बाद होता रहा है। हालाकि 1942 और 1946 में द्वितीय विश्व युद्ध के कारण इन का आयोजन नहीं हो सका था। 

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