खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कॉरपोरेट सेक्टर से खेलों में निवेश करने का आग्रह किया
राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कारपोरेट सेक्टर से खेलों में निवेश करने का आग्रह किया है, जिससे खेलों का विकास हो सके।
नई दिल्ली। केंद्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कारपोरेट सेक्टर से खेलों में निवेश करने का आग्रह किया है, जिससे खेलों का विकास हो सके।
खेल मंत्री ने घोषणा की कि सरकार एक ऐसे प्रोजेक्ट को लांच करने जा रही है जिसमें वह क्षमता और कौशल के आधार पर आठ से 10 वर्ष तक के बच्चों को खोजकर उन्हें स्कॉलरशिप दिलाएगी। राठौर ने कहा कि इस समय स्कूलों में 10 करोड़ बच्चे पढ़ रहे हैं। हम स्कूल बोर्ड, राज्य सरकार और सैन्य बल के साथ साझेदारी करेंगे। वह आठ से दस वर्ष तक के बच्चों की क्षमता परखने के लिए टेस्ट लेंगे। इस टेस्ट के बाद 5000 बच्चों को चुना जाएगा, जिसमें से कटौती करते हुए 1000 बच्चों का सुपर एडवांस टेस्ट कराया जाएगा। सही खेल के लिए सही शारीरिक कौशल रखने वाले बच्चे को आठ वर्ष तक पांच लाख की स्कॉलरशिप दी जाएगी। जिससे 16 वर्ष तक की उम्र तक वह चैंपियन बन जाए। यही समय है जब खेलों में निवेश किया जाए।
खेल मंत्री ने साथ ही कहा कि खिलाड़ी पैसा मांगने को लेकर घबराए नहीं, क्योंकि पैसों का अकाल नहीं है। 1990 से लेकर आज तक ओलंपिक पदक विजेता और क्षमतावान पदक विजेता राष्ट्रीय खेल विकास निधि से पैसा ले रहे हैं। अब हम इसको पूरे देश के लिए खोलने जा रहे हैं। यही नहीं हम इस वर्ष एक उत्पादकों का शिखर सम्मेलन भी आयोजित करने जा रहे हैं, जहां अंतरराष्ट्रीय कंपनियां के साथ ही भारतीय समकक्षों को एक साथ लाएंगे और उनसे सुझाव मांगेंगे कि किस तरह से खेल के सामान का भारत में ही उत्पादन किया जा सके।