राष्ट्रीय शिविर में हिस्सा लेने को लेकर दुविधा में साक्षी मलिक, कहा- अन्य महिला खिलाड़ियों की सहमति जरूरी
साक्षी मलिक ने कहा कि प्रतियोगिता न होने पर शिविर में शामिल होने का क्या मतलब है।
नई दिल्ली, जेएनएन। ओलंपिक कांस्य पदक विजेता महिला पहलवान साक्षी मलिक ने स्पष्ट कर दिया कि वह तब तक एक सितंबर से शुरू होने वाले राष्ट्रीय शिविर के लिए प्रतिबद्ध नहीं होंगी जब तक कि अन्य महिला पहलवान भी इसमें भाग लेने की पुष्टि नहीं कर देती।
साक्षी ने कहा, 'प्रतियोगिता न होने पर शिविर में शामिल होने का क्या मतलब है। मुझे पता चला कि कई पहलवानों ने शिविर में शामिल होने से इन्कार कर दिया है इसलिए मैं वहां जाकर क्या करूंगी और किसके साथ ट्रेनिंग करूंगी? राष्ट्रीय शिविर को शुरू होने में अभी समय है इसलिए मैं इंतजार करूंगी और देखूंगी कि कौन-कौन आती है और कौन नहीं।' इस बारे में भारतीय कुश्ती महासंघ के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि किसी को भी बिना किसी ठोस वजह से शिविर से हटने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इससे पहले टोक्यो ओलंपिक का टिकट हासिल कर चुकी विनेश फोगाट ने लखनऊ में शुरू हो रहे शिविर में भाग लेने से मना कर दिया था।
आपको बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप को देखते हुए खिलाड़ियों का ये रुख सामने आ रहा है। वहीं साक्षी मलिक का नाम इस बार राष्ट्रीय खेल पुरस्कार के लिए अर्जुन अवॉर्ड के लिए चुना गया था। चयन समिति ने उनका नाम अर्जुन अवॉर्ड के लिए नामित किया था जिस पर आखिरी मुहर खेल मंत्रालय को लगाना था, लेकिन खेल मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि साक्षी पहले ही खेल के सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित हो चुकी हैं ऐसे में उन्हें अर्जुन अवॉर्ड नहीं दिया जाएगा। साक्षी के साथ मीराबाई चानू का नाम भी इस अवॉर्ड के लिए नामित था, लेकिन उन्हें लेकर भी यही तर्क दिया गया। इस बार कुल 29 खिलाड़ियों के नाम को अर्जुन पुरस्कार के लिए आगे किया गया था, लेकिन दो खिलाड़ियों का नाम काट दिया गया। अब 27 खिलाड़ियों को ये पुरस्कार दिया जाएगा।