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केंद्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन के इस दांव से सकते में खेल संघ

दैनिक जागरण के पास मौजूद राज्यवर्धन के तीन पन्ने के पत्र से साफ है कि वह मौजूदा खेल व्यवस्था की सफाई करना चाहते हैं।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Fri, 08 Jun 2018 01:36 PM (IST)Updated: Sat, 09 Jun 2018 10:39 AM (IST)
केंद्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन के इस दांव से सकते में खेल संघ

अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। केंद्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर के नए दांव से भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) से लेकर राष्ट्रीय खेल संघ (एनएसएफ) और उनके अंतर्गत आने वाले राज्य खेल संघ सकते में आ गए हैं। राज्यवर्धन ने सभी 29 राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के उप राज्यपालों को पत्र लिखकर राज्यों और जिला स्तर पर नेशनल स्पो‌र्ट्स डेवलपमेंट कोड ऑफ इंडिया (एनएसडीसीआइ) लागू करने के लिए कहा है।

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दैनिक जागरण के पास मौजूद राज्यवर्धन के तीन पन्ने के पत्र से साफ है कि वह मौजूदा खेल व्यवस्था की सफाई करना चाहते हैं। हालांकि, इससे आइओए और एनएसएफ के होश उड़ गए हैं। इससे खेल मंत्रालय और आइओए के बीच तल्खी बढ़ने के भी आसार हैं। सूत्रों के मुताबिक, आइओए ने एनएसएफ और उनकी राज्य इकाइयों को इसका विरोध करने के लिए भी कहा है। राज्यवर्धन ने अपने पत्र में लिखा है कि खेल राज्य का विषय है। सभी राज्यों में जिला स्तर तक खेलों का स्तर बढ़ाने और पारदर्शिता लाने के लिए नेशनल स्पो‌र्ट्स कोड को लागू करने या जरूरी कानून बनाने की जरूरत है।

लगभग सभी संबद्ध इकाइयां कानून की अनुपस्थिति में सुशासन के प्रावधानों का पालन नहीं कर रही हैं। इसका नतीजा यह है कि कुछ लोग राज्य और जिला स्तर के खेलों को अपनी जागीर की तरह चला रहे हैं। चूंकि एनएसडीसीआइ खेल प्रशासन के लिए सुशासन, नैतिकता और निष्पक्ष खेल के बुनियादी सार्वभौमिक सिद्धांतों को लागू करता है, इसलिए मुझे उम्मीद है कि आप (मुख्यमंत्री और उप राज्यपाल) इस मामले को व्यक्तिगत तौर पर देखेंगे और तुरंत अपने राज्य के मुख्य सचिव व खेल सचिव को इस दिशा में कदम उठाने का निर्देश देंगे।

यह कुछ अधिकारियों और राजनेताओं की जागीर की तरह चल रहे राज्य/जिला खेल संघों को मुक्त कराने का काम करेगा, जिससे देश के खेल का विकास होगा। यह महसूस किया जा रहा है कि अच्छे शासन और नैतिक प्रथाओं के प्रयासों को तब तक पराजित किया जाता रहेगा जब तक एनएसएफ से संबद्ध इकाइयां (राज्य व जिला खेल संघ) इन प्रावधानों को लागू नहीं करते।

राठौर के पत्र ने भारत सरकार के इरादे को पूरी तरह स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय खेल को चलाने वाले खेल संघों को पारदर्शिता लाने के लिए एनएसडीसीआइ का पालन करना होगा। हालांकि जब इस मामले पर आइओए महासचिव राजीव मेहता से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैंने इस पत्र को नहीं देखा है, लेकिन मैं यह जानना चाहता हूं कि क्या केंद्र सरकार राज्य या जिला खेल संघों को कोई मदद देती है। अगर नहीं तो फिर वह उन पर एनएसडीसीआइ को लागू करने के लिए दबाव कैसे बना सकती है। जहां तक आइओए और एनएसएफ की बात है तो लगभग सभी इसका पालन कर रहे हैं।

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