विश्व चैंपियनशिप में पदक का रंग बदलकर खुश हैं पीवी सिंधू
विश्व चैंपियनशिप में कांस्य जीतने वाली सिंधू ने कहा, रियो ओलंपिक के बाद यह सर्वश्रेष्ठ मुकाबलों में से एक था, बैडमिंटन में शुरू हुआ लंबे मुकाबलों का चलन।
हैदराबाद, पीटीआइ। पीवी सिंधू विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में हारकर स्वर्ण से चूकने से निराश तो हैं पर साथ ही अपने पदक का रंग बदलकर खुश भी हैं। इससे पहले सिंधू ने इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक (2013 और 2014 में) जीते थे। सिंधू फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा से हार गईं थीं।
वतन लौटने के बाद सिंधू ने यहां पत्रकारों से कहा, 'फाइनल के बाद मैं काफी निराश थी, लेकिन मैंने सोचा कोई बात नहीं। मैंने सोचा अब यह खत्म हो चुका है, अगले दिन से सब सामान्य हो गया। रियो ओलंपिक के बाद यह सर्वश्रेष्ठ मुकाबलों में से एक रहा। विश्व चैंपियनशिप कुछ अलग होती है। मैंने पहले भी इसमें कांसा जीता था। मैं खुश हूं कि मैंने इसका रंग बदलकर रजत कर दिया।'
फाइनल के बारे में ओलंपिक रजत पदक विजेता ने कहा कि यह मानसिक और शारीरिक रूप से थका देने वाला था। आपको लगता है कि आपको एक अंक लेना ही पड़ेगा। यह पूछने पर कि क्या लंबे मुकाबलों का चलन अब बैडमिंटन में शुरू हो गया तो उन्होंने भी सकारात्मक जवाब दिया। उन्होंने कहा कि यह अब इतना आसान नहीं होना वाला। मैच में कुछ भी हो सकता है।