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    इस दिन मनाया गया था पहला 'ओलंपिक डे', भारत का ऐसा रहा है ओलंपिक में प्रदर्शन

    By Sanjay SavernEdited By:
    Updated: Sun, 23 Jun 2019 08:18 AM (IST)

    International Olympic day की शुरुआत 23 जून 1948 को की गई थी।

    इस दिन मनाया गया था पहला 'ओलंपिक डे', भारत का ऐसा रहा है ओलंपिक में प्रदर्शन

    नई दिल्ली, जेएनएन। International Olympic Day वैसे तो अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक डे की शुरुआत 23 जून 1948 को हुई पर इससे काफी पहले ओलंपिक गेम्स (Olympic Games) की शुरुआत की जा चुकी थी। पहला ओलंपिक गेम्स 23 जून 1894 को पेरिस, सोरबोन में खेला गया था और इसी की याद में हर वर्ष 23 जून को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने के मुख्य मकसद खेलों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हर वर्ग, आयु के लोगों की भागीदारी को बढ़ावा देना है। जब 23 जून 1948 को पहले ओलंपिक डे का आयोजन किया गया था तो इसमें सिर्फ नौ देश ही शामिल थे। इन देशों में ग्रेट ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, कनाडा, ग्रीस, पुर्तगाल, स्वीटजरलैंड, उरुग्वे और वेनुजुएला शामिल थे। 

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    ओलंपिक डे का इतिहास

    दुनिया में ओलंपिक खेलों का आयोजिन हर चार वर्ष पर किया जाता है और पहले ओलंपिक खेलों का आयोजन 23 जून 1894 में पेरिस में किया गया था। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की देखरेख में इसका आयोजन हर चार वर्ष पर किया जाता है। इसका मुख्यालय लौसन स्वीटरलैंड में है। ओलंपिक दुनिया की सबसे बड़ी खेल प्रतियोगिता है और इसमें 200 से ज्यादा देश हिस्सा लेते हैं। ओलंपिक समिति की स्थापना पियरे डे कोबेर्टिन ने की थी और यूनानी व्यापारी देमित्रिस विकेलस इसके पहले अध्यक्ष बने थे। इस वक्त विश्व की कुल 205 राष्ट्रीय ओलंपिक समितियां इसकी सदस्य हैं। आइओसी हर चार वर्ष में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेल, शीतकालीन ओलंपिक खेल और युवा ओलंपिक खेल का आयोजन करता है। आइओसी द्वारा आयोजित पहला ग्रीष्मकालीन ओलंपिक 1896 में यूनान के एथेंस व पहला शीतकालीन ओलंपिक 1924 में फ्रांस के चेमोनिक्स में आयोजित किया था। 1992 तक ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन ओलंपिक दोनों एक ही वर्ष आयोजित किए जाते थे। इसके बाद इसे अलग-अलग आयोजित किया जाने लगा। 

    ओलंपिक खेलों में भारत का प्रदर्शन

    भारत ने पहली बार वर्ष 1900 में ओलंपिक में हिस्सा लिया था। इस वर्ष भारत की तरफ से सिर्फ एक एथलीट (नॉर्मन प्रीटचार्ड) को भेजा गया जिन्होंने एथलेटिक्स में दो सिल्वर मेडल जीते थे। भारत ने 1920 में पहली बार समर ओलंपिक गेम्स में अपनी टीम भेजी और तब से लेकर अब तक वो हर बार इसमें हिस्सा ले रहा है। वहीं 1964 में शुरू हुए विंटर ओलंपिक गेम्स में भारत ने हिस्सा लिया और ये सिलसिला भी जारी है। 

    भारत ने ओलंपिक खेलों में अब तक कुल 28 पदक जीते हैं जिसमें 9 गोल्ड, 7 सिल्वर और 11 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। भारतीय हॉकी टीम ने भारत के लिए सबसे ज्यादा गोल्ड ओलंपिक में जीते थे। वर्ष 1920 से लेकर 1980 तक आयोजित 12 ओलंपिक गेम्स में भारतीय टीम ने 11 मेडल जीते थे। इसमें 8 ओलंपिक गोल्ड मेडल शामिल हैं। वहीं भारतीय हॉकी टीम ने वर्ष 1928 से 1956 तक ओलंपिक में लगातार 6 गोल्ड मेडल जीते थे। 

    भारतीय टीम ने फील्ड हॉकी में 8 गोल्ड जबकि शूटिंग में एक गोल्ड मेडल अब तक ओलंपिक में जीते हैं। सिल्वर मेडल की बात करें तो भारत ने फील्ड हॉकी में एक, शूटिंग में दो, एथलेटिक्स में दो, रेसलिंग में एक और बैडमिंटन में एक जीते हैं। ओलंपिक में भारत ने सबसे ज्यादा 12 ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। इसमें से भारत ने फील्ड हॉकी में दो, शूटिंग में एक, रेसलिंग में चार, बैडमिंटन में एक, बॉक्सिंग में दो, टेनिस में एक और वेटलिफ्टिंग में एक मेडल शामिल हैं। 

    भारत की तरफ से वर्ष 2008 बीजिंग ओलंपिक में पहली बार अभिनव बिंद्रा ने मेन्स 10 मीटर एयर राइफल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता और इतिहास रच दिया। वो भारत की तरफ से ओलंपिक गेम्स में किसी भी खेल में व्यक्तिगत तौर पर गोल्ड जीतने वाले पहले खिलाड़ी बने। वहीं विजेंदर सिंह बॉक्सिंग में भारत की तरफ से पहली बार सिल्वर मेडल जीतने वाले मुक्केबाज बने। सुशील कुमार इकलौते रेसलर हैं जिन्होंने दो बार भारत के लिए ओलंपिक में पदक जीते। उन्होंने 2008 बीजिंग ओलंपिक में ब्रॉन्ज और 2012 समर ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता। साइना नेहवाल भारत की तरफ से बैडमिंटन मेें ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनीं वहीं मैरी कॉम ने पहली बार भारत के लिए बॉक्सिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली महिला मुक्केबाज बनीं। महिला पहलवान साक्षी मलिक ने भी भारत के लिए ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रचा था। वहीं पी वी सिंधू ओलंपिक में बैडमिंटन में सिल्वर मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बनीं थीं। 

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