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Khelo India Youth Games 2020: प्रियंका, जतिन व आस्मी का जलवा बरकरार, जीते गोल्ड मेडल

Khelo India Youth Games 2020 शानदार प्रदर्शन करने वाली प्रियंका दासगुप्ता एक और स्वर्ण पदक जीतकर सबसे आगे चल रही हैं।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sat, 11 Jan 2020 08:52 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jan 2020 08:52 PM (IST)
Khelo India Youth Games 2020: प्रियंका, जतिन व आस्मी का जलवा बरकरार, जीते गोल्ड मेडल
Khelo India Youth Games 2020: प्रियंका, जतिन व आस्मी का जलवा बरकरार, जीते गोल्ड मेडल

गुवाहाटी, प्रेट्र। Khelo India Youth Games 2020: महाराष्ट्र की जिमनास्ट आस्मी अंकुश बडाडे और उत्तर प्रदेश के जतिन कुमार कनौजिया ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स के तीसरे सीजन में स्वर्ण जीतकर अपने व्यक्तिगत पदकों की संख्या तीन कर ली। हालांकि शुरुआती दिन शानदार प्रदर्शन करने वाली प्रियंका दासगुप्ता एक और स्वर्ण पदक जीतकर सबसे आगे चल रही हैं। त्रिपुरा की इस जिमनास्ट ने अपने पदकों की संख्या चार पहुंचा दी। एथलेटिक्स स्पर्धाएं शनिवार से शुरू हुईं और कई मीट रिकॉर्ड के साथ ही सुर्खियां बटोरीं।

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मध्य प्रदेश के अर्जुन वासकेल ने लड़कों के अंडर-17 3000 मीटर रेस अपने नाम की जबकि विवेक कुमार ने लड़कों के अंडर-17 भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। उत्तराखंड की अंकिता ने लड़कियों की अंडर-21 5000 मीटर स्पर्धा में नया मीट रिकॉर्ड बनाकर स्वर्ण पदक अपनी झोली में डाला। इंदिरा गांधी एथलेटिक्स स्टेडियम में लड़कों के अंडर-21 स्पर्धा में बेहद रोचक मुकाबला देखने को मिले जहां गत चैंपियन अजित कुमार ने सुनील डावर को पीछे छोड़कर पहला स्थान हासिल किया।

अजित ने 14:39.99 सेकेंड का समय लेकर मीट रिकॉर्ड बनाया और सेकेंड के100वें हिस्से से इस रेस को जीता। उधर, भोगेश्वरी फुकानानी इंडोर स्टेडियम में जतिन ने पैरेलेल बार्स जिम्नास्टिक्स स्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल किया। इससे पहले उन्होंने ऑल राउंड स्पर्धा में भी सुनहरी सफलता हासिल की थी। लड़कियों की अंडर-17 रदिमिक जिम्नास्टिक्स स्पर्धा में आस्मी ने सुर्खियां बटोरी जिन्होंने पहला स्थान हासिल किया जबकि असम की उपाषा तालुकदार और श्रेया प्रवीन ने क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीते।

छत पर अभ्यास करके ओलंपिक पदक का सपना देख रहीं हैं राखी

खेलो इंडिया यूथ गेम्स में शनिवार को दिल्ली की जूडोका राखी ने कांस्य पदक हासिल करके अपने ओलंपिक पदक जीतने के सपने की ओर एक कदम आगे बढ़ाया। हालांकि देश के अन्य खिलाडि़यों की तरह राखी भी मध्यम वर्गीय परिवार से आती हैं और उन्हें भी कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। दिल्ली के रोहिणी इलाके में अभ्यास करने वालीं राखी ने कहा, 'मेरे पिता एक फैक्ट्री में काम करते हैं और मेरी मां घर पर रहती हैं। खेल के साजो समान के लिए हमें मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। हम जहां अभ्यास करते हैं वह एक पुराना मकान है, जहां शादी के कार्यक्रम भी होते हैं। हम छत पर अभ्यास करते हैं, लेकिन उसकी छत कमजोर है।'


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