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IOA को अब ओलंपिक के लिए नए प्रायोजक की तलाश, चीन की कंपनी के साथ तोड़ा करार

भारतीय ओलंपिक संघ यानी आइओए ने चीन की खेलों की पोशाक निर्माता कंपनी ली निंग से करार तोड़ दिया था। चीन की कंपनी का लोगो भारतीय एथलीटों की किट पर जाने वाला था लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

By Vikash GaurEdited By: Published: Thu, 10 Jun 2021 10:43 AM (IST)Updated: Thu, 10 Jun 2021 10:43 AM (IST)
IOA को अब ओलंपिक के लिए नए प्रायोजक की तलाश, चीन की कंपनी के साथ तोड़ा करार
ओलंपिक के एथलीटों के लिए नए स्पॉन्सर की तलाश है

नई दिल्ली, जेएनएन। चीन की खेलों की पोशाक निर्माता कंपनी ली निंग से करार तोड़ने के बाद भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) ने बुधवार को उम्मीद जताई कि वह इस महीने के आखिर तक अपने ओलंपिक दल के लिए नया किट प्रायोजन ढूंढने में सफल रहेगा।

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आइओए ने मंगलवार को ली निंग को अपने आधिकारिक किट प्रायोजक से हटाने के बाद कहा था कि भारतीय खिलाड़ी 23 जुलाई से आठ अगस्त के बीच होने वाले टोक्यो ओलंपिक खेलों में बिना ब्रांड वाली पोशाक पहनकर उतरेंगे, लेकिन बुधवार को आइओए के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा ने कहा कि सीमित समय में नए प्रायोजक की तलाश जारी है।

नरेंद्र बत्रा ने आधिकारिक बयान में कहा है, "प्रक्रिया (नया प्रायोजक के तलाश की) प्रगति पर है लेकिन, हमारे पास बहुत कम समय है। हम किसी पर भी दबाव नहीं बनाना चाहते हैं और उन्हें दबाव में नहीं लाना चाहते हैं। यह आपसी सहमति से होना चाहिए। इस महीने के आखिर तक हम फैसला कर लेंगे कि हमारे खिलाड़ी बिना ब्रांड वाली पोशाक पहनकर जाएंगे या नहीं। पोशाक तैयार हैं और उन्हें जल्द से जल्द हमारे खिलाडि़यों को सौंपना होगा।"

आइओए ने पिछले सप्ताह खेल मंत्री किरण रिजिजू की मौजूदगी में ली निंग की डिजाइन की गई ओलंपिक किट का अनावरण किया था जिसकी काफी आलोचना हुई थी। पता चला है कि इसके बाद खेल मंत्री ने आइओए को कंपनी से नाता तोड़ने की सलाह दी। आइओए के प्रमुख ने कहा, 'मैं किसी कंपनी या किसी का नाम नहीं लेना चाहता हूं लेकिन, मीडिया सहित तमाम पक्षों की आलोचना के बाद हमने यह फैसला किया। हमने यह फैसला जनभावना को ध्यान में रखकर किया।'

आइओए के प्रमुख ने इन रिपोर्टो को भी खारिज कर दिया कि भारत सहित नौ देशों को कोविड-19 के मामलों के बढ़ने के कारण आयोजक टोक्यो ओलंपिक में भाग लेने से रोक सकते हैं। बत्रा ने कहा, "यह सब मीडिया की अटकलबाजी है। हमने इस संबंध में आइओसी (अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति) या आयोजकों से कुछ नहीं सुना है।"


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