भारतीय ओलंपिक संघ को मिला आइओसी का समर्थन
भारत को 2020 टोक्यो ओलंपिक में आइओसी के झंडे तले खेलना पड़ सकता है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय खेलों में सुशासन के मसले पर खेल मंत्रालय के साथ बातचीत की कोशिश में जुटे भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आइओसी) का समर्थन मिला है। हाल ही में खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने सभी 29 राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के उप राज्यपालों को पत्र लिखकर राज्यों और जिला स्तर पर नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट कोड ऑफ इंडिया (एनएसडीसीआइ) लागू करने के लिए कहा था, जिसके बाद आइओए अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा ने खेल मंत्रालय से इसका निपटारा करने के लिए समय मांगा था।
खेल सचिव राहुल भटनागर को लिखे ईमेल में बत्रा ने शंका जाहिर की है कि अगर समय रहते सभी हितधारकों ने इस मसले का निपटारा नहीं किया तो भारत को 2020 टोक्यो ओलंपिक में आइओसी के झंडे तले खेलना पड़ सकता है। बत्रा ने आइओसी द्वारा भेजे गए ईमेल को भी साथ में भेजा है जिसमें लिखा है कि हम भारत में सक्षम प्राधिकरणों के साथ घनिष्ठ समन्वय से काम करने के लिए प्रयासों का पूरी तरह से समर्थन करते हैं और साथ ही सुनिश्चित करते हैं कि भारत में ओलंपिक के संचालन के लिए सुशासन के बुनियादी सिद्धांतों को पूरी तरह कार्यान्वित किया गया है।
भटनागर को भेजे ईमेल में बत्रा ने लिखा कि खेल संहिता को बनाने में खेल मंत्रालय ने सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया है। हमने आपसे और खेल मंत्री से इन विषयों पर बात-चीत करने के लिए समय मांगा था और हम सब कुछ सही तरीके से ठीक करना चाहते हैं। हम एक बार फिर मुलाकात की मांग कर रहे हैं और ऐसी स्थिति नहीं चाहते कि 2020 टोक्यो ओलंपिक और दूसरे आयोजनों में भारत को आइओसी के झंडे तले खेलने को विवश होना पड़े।
आइओए के अध्यक्ष ने अंतरराष्ट्रीय कबड्डी संघ (आइकेएफ) द्वारा अवैध और अनाधिकृत खेल निकायों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है। बत्रा ने लिखा कि मेरा अनुरोध यह है कि भारत में फर्जी संघों के विकास को रोकने में भारत सरकार को सक्रिय होना चाहिए। हम इन मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं और साथ ही इन फर्जी संघों के खिलाफ कार्रवाई करना चाहते हैं।
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आइकेएफ द्वारा आइओए के नोटिस में तब यह मामला लाया गया था जब जेएस गहलोत ने खेल मंत्री राठौर का ध्यान इस मुद्दे पर आकर्षित किया था। तीन अप्रैल को गहलोत ने अपने पत्र में लिखा कि मैं गैरकानूनी और स्वयं घोषित खेल संगठनों के प्रति आपको ध्यान दिलाना चाहता हूं जो राष्ट्रीय चैंपियनशिप के साथ-साथ राष्ट्रीय खेलों में अवैध और अनाधिकृत कार्यक्रम आयोजित करके देश के युवाओं को भ्रमित कर रहे हैं। पत्र में उन्होंने 10 ऐसे अवैध संघों का भी उल्लेख किया जो अनाधिकृत कबड्डी कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं।