खुद खिलाड़िय़ों को यकीन नहीं हो रहा कि उन्हें मिलने जा रहा है पदक
टेबल टेनिस में चीन और जापान जैसे सुपरपावर के रहते भारतीय टीम कभी मेडल जीतने के बारे में सोचती भी नहीं थी।
जकार्ता (एजेंसी)। एशियन गेम्स में भले ही हम नौवें स्थान पर चल रहे हैं लेकिन इसके साथ ही कुछ स्पर्धाओं में हमारे खिलाड़ियों का प्रदर्शन अविश्वसनीय रहा है। टेबल टेनिस की टीम भी उनमें शुमार हो गई है। क्वार्टर फाइनल में चोटी की टीम जापान को चौंकाते हुए अचिंत शरत कमल की अगुवाई में भारतीय टीम ने जीत हासिल की और कम से कम कांस्य पदक पक्का कर लिया।
कमल ने कहा, सपने में भी नहीं सोचा था
विश्व रैंकिंग में 33वें नंबर के खिलाड़ी अचिंत शरत कमल ने 19वीं रैंकिंग वाले जापानी खिलाड़ी को हराने के बाद कहा कि यह ठीक है कि जापान के कई चोटी के खिलाड़ी यहां नहीं खेल रहे हैं लेकिन इसके बावजूद यह यादगार जीत है। 1958 में पहली बार एशियन गेम्स में शामिल किए गए इस खेल में हमने पहली बार पदक पक्का कर इतिहास रच दिया है। हमने सपने में भी नहीं सोचा था। टीम को दूसरे खिलाड़ी साथियन ने कहा कि यह ओलंपिक मेडल मिलने जैसा है।
बैडमिंटन के बाद टीटी में कमाल
टीटी टीम की यह जीत इसलिए भी अविस्वमरणीय है कि उन्होंने जापान को 3-1 से हराया है। इससे उन्हें अगले मैच के लिए काफी आत्मविश्वास मिलेगा। आपको बताते चलें किबैडमिंटन टीम में साइना नेहवाल ने पहली बार कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया है और आज पीवी सिंधु फाइनल में उतरने जा रही हैं। वह हारे या जीते, इतिहास बनना तय है।
घुड़सवारी और नौकायन में भी पहली बार पदक
इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में चल रहे एशियन गेम्स में घुड़सवारी की टीम ने रजत पदक जीतकर सबको चौंका दिया है। इसी तरह नौकायन की टीम ने भी अपने रजत प्रदर्शन से नया इतिहास लिखा है।