हिज़ाब पहनकर खेलने को कर रहे थे बाध्य, इस भारतीय खिलाड़ी ने नाम वापस लेकर दिया करारा जवाब
सौम्या को एशियन नेशनल कप चैस चैंपियनशिप में भाग लेना था। यह इवेंट 26 जुलाई से 4 अगस्त के बीच होना है।
इरान। भारत की स्टार शतरंज खिलाड़ी सौम्या स्वामीनाथन इरान के हमदान में होने वाले चेस ईवेंट से बाहर हो गई हैं। सौम्या को एशियन नेशनल कप चैस चैंपियनशिप में भाग लेना था। यह इवेंट 26 जुलाई से 4 अगस्त के बीच होना है। इस इवेंट के एक नियम से असहमत होने की वजह से सौम्या ने इस चैंपियनशिप से बाहर होने का फैसला किया है। इस टूर्नामेंट में ये नियम है कि सभी महिलाएं सिर पर स्कार्फ पहन कर ही खेल सकती हैं। सौम्या ने इस नियम को अपना निजी अधिकार बताते हुए इस इवेंट में हिस्सा ना लेने का फैसला किया है।
भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने भी सौम्या के इस फैसला का स्वागत किया है। कैफ ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर ट्वीट करते हुए लिखा सौम्या स्वामीनाथन आपको सलाम, खिलाड़ियों पर धार्मिक ड्रेस कोड लगाए जाने के लिए कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए।
Hats off to Soumya Swaminathan for pulling out of this event in Iran.
There should be no scope for religious dress codes to be imposed on Players. A host nation should not be granted permission to host auch international events if it fails to consider basic human rights. pic.twitter.com/soQ9SVHYS6 — Mohammad Kaif (@MohammadKaif) June 13, 2018
महिला ग्रैंडमास्टर और पूर्व जूनियर गर्ल्स चैस चैंपियन सौम्या स्वामीनाथन ने अपने फेसबुक पर इस नियम के खिलाफ अपनी राय रखी। उन्होंने लिखा- मैं एशियन नेशनल कप चैस चैंपियनशिप 2018 में भाग लेने वाली महिला टीम से माफी चाहती हूं। 26 जुलाई से 4 अगस्त के बीच इरान में होने वाले इस टूर्नामेंट में महिलाओं से सिर पर स्कार्फ पहने के लिए कहा जा रहा है। मैं नहीं चाहती कि कोई हमें स्कार्फ या बुरखा पहनने के लिए बाध्य करे।
सौम्या ने लिखा- मुझे लगता है कि इरान में सिर पर अनिवार्य स्कार्फ या बुर्का का नियम मेरे मानवीय अधिकारों का खासतौर पर फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन, फ्रीडम ऑफ थॉट, मेरी चेतना और मेरे धर्म का उल्लंघन है। इस स्थिति में अपने अधिकारों की रक्षा के लिए मेरे पास एक ही रास्ता बचा था कि मैं इरान न जाऊं। सौम्या स्वामीनाथन ने यह भी कहा कि आयोजकों की नजर में नेशनल टीम के लिए ड्रेस कोड लागू करना गलत है। खेलों में किसी तरह का धार्मिक ड्रेस कोड लागू नहीं किया जा सकता।
स्वामीनाथन ने अपनी पोस्ट में यह कहा कि अंतरराष्ट्रीय इवेंट में भारत का प्रतिनिधत्व करना गौरव की बात है। उन्हें इस बात का भी अफसोस है कि वह ईरान नहीं जा रही हैं, लेकिन कुछ चीजों के साथ समझौता नहीं किया जा सकता।
भारत की नंबर 5 महिला शतरंज खिलाड़ी 29 वर्षीय सौम्या ने कहा कि एक खिलाड़ी खेल को अपनी जिंदगी में सबसे पहले रखता है और इसके लिए कई तरह के समझौते करता है लेकिन कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिनके साथ समझौता नहीं किया जा सकता।