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CWG 2018 के लिए समय से फिट हो जाएंगी पीवी सिंधू, कमाल का रहा है अब तक का सफर

CWG 2018 में भारत को सिधू से गोल्ड मेडल की उम्मीद है।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sun, 01 Apr 2018 04:16 PM (IST)Updated: Mon, 02 Apr 2018 10:48 AM (IST)
CWG 2018 के लिए समय से फिट हो जाएंगी पीवी सिंधू, कमाल का रहा है अब तक का सफर

 नई दिल्ली, पीटीआइ। गोल्ड कोस्ट में 4 अप्रैल से शुरू हो रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू से बड़ी उम्मीद है। ओलंपिक सिल्वर मेडलिस्ट सिंधू इस वक्त चोट की समस्या से जूझ रही हैं। हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई है कि वो समय से फिट हो जाएंगी और भारत को इस बार काफी ज्यादा पदक मिलेंगे। 

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सिंधू के दाहिने एंकल में खिंचाव आ गया था जब वो मंगलवार को गोपीचंद अकेडमी में प्रैक्टिस के लिए गई थीं। उनके चोट की स्कैन की गई है और रिपोर्ट की मानें तो उनकी हड्डी या फिर लिगामेंट में कोई इंजरी नहीं है। भारत के लिए राहत की खबर ये है कि उनकी चोट ज्यादा गंभीर नहीं है और वो CWG में अपने इवेंट से पहले ठीक हो जाएंगी। 

अपनी चोट के बारे में 22 वर्षीय सिधू ने कहा कि जहां तक तैयारियों का सवाल है तो मेरा सबकुछ ठीक चल रहा है। मेरी एंकल में खिंचाव आ गया जिससे मुझे निराशा हुई लेकिन मुझे लगता है कि खेल शुरू होने से पहले तक मैं पूरी तरह से ठीक हो जाऊंगी। हालांकि हम कितने मेडल जीतेंगे इसके बारे में तो मैं नहीं बता सकती लेकिन मुझे पूरा यकीन है कि हम काफी सारे पदक जीतकर देश वापस लौटेंगे। 

ग्लास्गो में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में सिंधू ने सिर्फ 18 वर्ष की उम्र में ही खेला था। वर्ल्ड चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली वो पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बनीं थीं। इस टूर्नामेंट में उन्होंने ब्रांन्ज मेडल जीता था। इसके अलावा वर्ष 2014 में कोपेनहेगन वर्ल्ड चैंपियनशिप में उन्होंने एक और ब्रांन्ज मेडल जीता था। 

दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में साइना नेहवाल ने गोल्ड मेडल जीता था जिसके बाद पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स में उनके पीले तगमें की उम्मीद थी लेकिन सेमीफाइनल में उन्हें कनाडा की मिशेले ली के हाथों हार का सामना करना पड़ा और उन्होंने ब्रांन्ज मेडल जीता। इसके बाद से लेकर अब तक सिंधू के खेल में काफी बदलाव आया है और इस वक्त वो भारत की नंबर एक महिला बैडमिंटन खिलाड़ी हैं साथ ही उम्मीद ये लगाई जा रही है कि वो गोल्ड कोस्ट में गोल्ड मेडल जरूर जीतेंगी। 

सिंधू ने कहा कि पिछली बार उन्होंने ब्रांन्ज मेडल जीता था लेकिन इस बार मैं अपना बेस्ट प्रदर्शन देते हुए और अच्छा करना चाहती हूं। इस वर्ष सिंधू डेनमार्क ओपन के फाइनल में पहुंची थीं। मकाउ ओपन में उन्होंने लगातार तीसरी बार खिताब जीता। सिंधू सबसे ज्यादा चर्चा में तब आईँ थी जब उन्होंने वर्ष 2016 में ओलंपिक गेम्स में भारत के लिए बैडमिंटन में पहला सिल्वर मेडल जीता था। इसके बाद वो पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं जिन्होंने चाइना ओपन का खिताब जीता। इससे पहले उन्होंने मलेशिया मास्टर्स का खिताब भी जीता था। 

वर्ष 2017 में सिधू ने बेहतरीन बैडमिंटन खेला और उन्होंने सैयद मोदी ग्रां प्री गोल्ड का खिताब जीता। इसके अलावा उन्होंने इंडियन ओपन और कोरिया ओपन का खिताब भी अपने नाम किया। ग्लास्गो वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में उन्होंने जापान की नोजोमी ओकुहारा के खिलाफ 110 मिनट का मुकाबला खेला जिसमें उन्हें हार मिली लेकिन उनके खेल और उनकी फिटनेस की हर किसी ने तारीफ की थी। इसके बाद उन्होंने हांगकांग और दुबई सुपर सीरीज के फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था और वो खिताब जीतने में कामयाब नहीं हो पाईं थीं 


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