Move to Jagran APP

10 साल बाद मिली जिम्नास्टिक महासंघ को मान्यता, खेल मंत्रालय ने किया फैसला

भारतीय जिम्नास्टिक महासंघ को 10 साल बाद मान्यता दे दी गई और नवंबर 2019 में अध्यक्ष पद पर सुधीर मित्तल के चुनाव को रिकॉर्ड में रखा गया है। यह मान्यता 31 दिसंबर तक के लिए दी गई है। खेल मंत्रालय ने 2011 में इसकी मान्यता रद कर दी थी।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sat, 27 Feb 2021 07:07 PM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2021 07:07 PM (IST)
10 साल बाद मिली जिम्नास्टिक महासंघ को मान्यता (एपी फोटो)

नई दिल्ली, जेएनएन। खेल मंत्रालय ने गुटबाजी के शिकार भारतीय जिम्नास्टिक महासंघ को 10 साल बाद मान्यता दे दी और नवंबर 2019 में अध्यक्ष पद पर सुधीर मित्तल के चुनाव को रिकॉर्ड में रखा गया है। यह मान्यता 31 दिसंबर तक के लिए दी गई है। खेल मंत्रालय ने 2011 में महासंघ में लड़ाई के कारण इसकी मान्यता रद कर दी थी। फिलहाल खेल मंत्रालय राष्ट्रीय खेल महासंघों को एक साल के आधार पर मान्यता दे रहा है।

loksabha election banner

महासंघ को जारी मंत्रालय के एक पत्र में कहा गया है कि आपकी मान्यता तुरंत प्रभाव से बहाल करने का फैसला लिया गया है जो 31 दिसंबर 2021 तक प्रभावी रहेगी। मंत्रालय ने कोषाध्यक्ष कौशिक बीड़ीवाला के चुनाव को भी रिकॉर्ड में रखा, लेकिन कहा कि शांति कुमार को महासचिव के तौर पर स्वीकार करने का फैसला मणिपुर उच्च न्यायालय के फैसले के बाद लिया जाएगा।

मंत्रालय ने कहा कि महासंघ के संविधान को 2011 खेल कोड के अनुरूप बनाना होगा। इसमें कहा गया है कि महासंघ को छह महीने के भीतर अपने संविधान को खेल कोड के प्रावधानों के अनुरूप बनाना होगा। शांति कुमार को पांच नवंबर 2019 को हुए चुनाव में महासचिव बनाया गया था, लेकिन मंत्रालय ने खेल कोड 2011 के कार्यकाल के प्रावधानों के उल्लंघन के कारण उनके चुनाव पर आपत्ति जताई थी।

मंत्रालय ने कहा कि शांति कुमार पहले कोषाध्यक्ष और महासचिव रह चुके हैं और दोबारा महासचिव के चुनाव के लिए उनका खड़ा होना खेल कोड का उल्लंघन है। शांति कुमार ने कहा कि मणिपुर उच्च न्यायालय ने खेल मंत्रालय के फैसले पर रोक लगा दी है और मामले पर सुनवाई तीन मार्च को होगी। उनका तर्क यह है कि महासंघ 2011 से मंत्रालय से मान्यता प्राप्त महासंघ नहीं है तो खेल कोड उस पर लागू नहीं होता।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.