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सरकार के इस फैसल से गोल्ड कोस्ट के पदक विजेताओं की होगी बल्ले-बल्ले

खेल मंत्रालय चाहता है कि चयन समिति चार से 15 अप्रैल तक गोल्ड कोस्ट में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय एथलीटों के प्रदर्शन पर भी विचार करे।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Tue, 15 May 2018 11:36 AM (IST)Updated: Wed, 16 May 2018 12:32 PM (IST)
सरकार के इस फैसल से गोल्ड कोस्ट के पदक विजेताओं की होगी बल्ले-बल्ले

अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने वाले संजीता चानू, मीराबाई चानू, नीरज चोपड़ा, किदांबी श्रीकांत और मनिका बत्रा जैसे खिलाडि़यों के लिए और भी खुशियां आने वाली हैं। जिन खिलाडि़यों ने अर्जुन अवॉर्ड और खेल रत्न के लिए अपने नाम भेजे हैं, केंद्रीय खेल मंत्रालय गोल्ड कोस्ट में उनके प्रदर्शन को भी इसमें शामिल करने जा रहा है। ऐसा होने पर इन खिलाडि़यों को अवॉर्ड मिलने की संभावना मजबूत हो जाएगी।

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नियमों के अनुसार पिछले चार साल के प्रदर्शन को आधार मानकर यह अवॉर्ड दिए जाते हैं। इस साल के लिए दिए जाने अवॉर्ड के लिए चयन समिति को एथलीट के एक जनवरी 2014 से 31 दिसंबर 2017 तक के प्रदर्शन पर नंबर देने थे लेकिन खेल मंत्रालय गोल्ड कोस्ट के शानदार प्रदर्शन को भी ध्यान में रखना चाहता है। इसी को देखते हुए खेल मंत्रालय चाहता है कि चयन समिति चार से 15 अप्रैल तक गोल्ड कोस्ट में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय एथलीटों के प्रदर्शन पर भी विचार करे। 2016 रियो ओलंपिक और पैरालंपिक के समय भी इसी तरह हुआ था। मंत्रालय इस बार दो लोगों को खेल रत्न से नवाज सकता है।

मंत्रालय के इस कदम से पिछले साल विश्व चैंपियनशिप में दो स्वर्ण पदक और गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारोत्तोलक मीराबाई चानू के खेल रत्न बनने की संभावना बढ़ गई हैं। हाल ही में मीराबाई को देश के चौथे सबसे बड़े सम्मान पद्मश्री से नवाजा गया था। हालांकि उन्हें अब तक खेल रत्न पुरस्कार नहीं मिला है। गोल्ड कोस्ट में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा, बैडमिंटन में सिंगल्स में रजत और टीम स्पर्धा में स्वर्ण जीतने वाले किदांबी श्रीकांत भी खेल रत्न की दौड़ में आगे आ गए हैं। 2016 में रियो ओलंपिक के प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए पीवी सिंधू, साक्षी मलिक और दीपा कर्माकर को खेल रत्न अवॉर्ड से नवाजा गया था।

सिंधू ने रियो में रजत और साक्षी ने कांस्य जीता था जबकि दीपा जिम्नास्टिक्स के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय जिम्नास्ट बनी थीं। इस बार भी चार साल के सर्किल के अलावा रियो ओलंपिक के प्रदर्शन को भी ध्यान में रखा गया था।

इसके साथ ही संजीता चानू की भी अर्जुन पुरस्कार पाने की इच्छा पूरी हो सकती है। दिल्ली की टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा ने गोल्ड कोस्ट में व्यक्तिगत और टीम स्पर्धा में कुल मिलाकर चार पदक हासिल किए थे। वह टेबल टेनिस में ऐसा प्रदर्शन करने वाली पहली खिलाड़ी बनी थीं। उनकी भी अर्जुन अवॉर्ड पाने की हसरत पूरी हो सकती है।

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