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परिवारवाद के नाम पर पांच निकाले, पर महासचिव के बेटे को छोड़ा

अगले महीने जकार्ता में 18 अगस्त से दो सितंबर तक होने वाले एशियन गेम्स को लेकर तो हर रोज एक नया विवाद सामने आ रहा है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Sat, 21 Jul 2018 08:45 PM (IST)Updated: Sun, 22 Jul 2018 08:21 AM (IST)
परिवारवाद के नाम पर पांच निकाले, पर महासचिव के बेटे को छोड़ा

अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। चाहे ओलंपिक हो, कॉमनवेल्थ गेम्स हों या एशियन गेम्स... भारतीय दल के चयन में हमेशा विवाद होता है। अगले महीने जकार्ता में 18 अगस्त से दो सितंबर तक होने वाले एशियन गेम्स को लेकर तो हर रोज एक नया विवाद सामने आ रहा है। भारतीय फुटबॉल टीम को नहीं भेजना हो या कोर्ट के आदेश के बाद हैंडबॉल टीम को भेजने के लिए मजबूर होना हो, लगातार भारतीय ओलंपिक संघ पर सवाल उठ रहे हैं।

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भारतीय ओलंपिक संघ ने भाई-भतीजावाद के आरोप में सैंबो के छह सदस्यीय दल में से पांच को हटा दिया दिया था और इस खेल से सिर्फ एक खिलाड़ी श्रीकांत का नाम अभी बरकरार है। अब उस पर भी सवाल उठने लगे हैं। आइओए ने पांच खिलाडि़यों के नाम इसलिए काटे थे क्योंकि ये सभी संबंधित खेल संघ अधिकारी के नजदीकी रिश्तेदार थे। अब श्रीकांत पर भी सवाल उठने लगे हैं। वरिष्ठ सैंबो खिलाड़ी मीनू कुमारी ने आइओए को पत्र लिखकर कहा है कि श्रीकांत ने गलत साक्ष्य रखकर टीम में जगह बनाई है। श्रीकांत भारतीय सैंबो संघ के महासचिव डिप्टीराम शर्मा के बेटे हैं।

आरोप है कि श्रीकांत ने पिछली राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा नहीं लिया और ना ही 18-19 जून को देवास में आयोजित ट्रायल में भाग लिया। यही नहीं श्रीकांत की एशियन चैंपियनशिप में कोई रैंकिंग भी नहीं है। सैंबो में कुल चार भार वर्ग हैं जिसमें तीन भार वर्ग में शर्मा परिवार के खिलाडि़यों के नाम भेजे गए थे। इसमें ललित नारायण शर्मा और रिषाल शर्मा के तो नाम आइओए ने काट दिए लेकिन श्रीकांत का नाम अभी भी टीम में है। मीनू ने आइओए से कहा है कि जब पांच लोगों के नाम एक ही वजह से काटे गए तो श्रीकांत का नाम क्यों छोड़ा गया।

मीनू का कहना है कि इस फेडरशन को निलंबित किया जाए क्योंकि इसमें एक परिवार के करीबी खिलाडि़यों के अलावा पूरे देश से खिलाडि़यों का चयन ही नहीं किया जा रहा। उन्होंने सवाल उठाए क्या पूरे देश में और कोई खिलाड़ी ही नहीं हैं? हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वह भारतीय ओलंपिक संघ के बैनर तले खेले लेकिन संबधित खेल संघ ने इसे सिर्फ खुद तक सीमित कर दिया। जिस भार वर्ग में मुझे चुना जाना चाहिए था उसमें उनके रिश्तेदार को चुन लिया गया।

इससे पहले आइओए ने भारतीय पुरुष हैंडबॉल टीम के 16 सदस्यों और चार अधिकारियों को अनुमति दी और वहीं पेनकाक सिलाट के 20 सदस्यों के नाम भारतीय दल से काट दिए थे। खिलाडि़यों पर गलत जानकारी उपलब्ध कराने का आरोप था। आइओए महासचिव से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमारी समिति ने ही सारी चीजें देखी हैं। अगर किसी को अब कोई दिक्कत है तो अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है। वहीं जब डिप्टी राम से बात करने की कोशिश की गई तो उनका फोन स्विच ऑफ आया।

सैंबो दल ने चुने थे ये छह लोग

अधिकारी

1.डिप्टी राम शर्मा, महासचिव

2.ललित नारायण, (डिप्टी राम शर्मा के पुत्र)

3.मंजू शर्मा (डिप्टी राम शर्मा की बहू और कोषाध्यक्ष)

एथलीट

4.लवन कुमार (डिप्टी शर्मा के पुत्र)

5. श्रीकांत शर्मा (डिप्टी शर्मा के पुत्र)

6. रिषाल शर्मा (डिप्टी शर्मा की बहू)

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