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EXCLUSIVE INTERVIEW: टोक्यो में जो गलती हुई, वो पेरिस ओलिंपिक में नहीं दोहराऊंगी : पूजा बोहरा

पूजा बोहरा ने कहा कि ओलिंपिक में देश को महिला बाक्सिंग में पहला कोटा दिखाकर मैं टोक्यो में पहुंची। हरियाणा की नहीं बल्कि देश की पहली महिला बाक्सर हूं जो कोटा दिलाने में सफल रही। टोक्यो का अनुभव अच्छा रहा।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sat, 18 Dec 2021 08:13 PM (IST)Updated: Sat, 18 Dec 2021 08:13 PM (IST)
EXCLUSIVE INTERVIEW: टोक्यो में जो गलती हुई, वो पेरिस ओलिंपिक में नहीं दोहराऊंगी : पूजा बोहरा
भारतीय महिला बाक्सर पूजा रानी बोहरा (फोटो- एएनआई)

जागरण संवाददाता, रोहतक। हरियाणा के भिवानी की बाक्सर पूजा रानी बोहरा को ओलिंपिक में पहली बार महिला बाक्सिंग में देश को कोटा दिलाने का श्रेय है। इससे पहले मेरी कोम की भी ओलिंपिक में येलो कार्ड से एंट्री हुई थी। पूजा का कहना है कि बाक्सिंग का भविष्य सुनहरा है, युवाओं में विजेंद्र और मेरी कोम को बाक्सिंग करते देख काफी रुझान बढ़ा था, जो अब जुनून बन चुका है। टोक्यो ओलिंपिक में पदक से एक कदम दूर रह गई थी, जिसका मलाल है। देश के लिए ओलिंपिक में पदक जीतने से बड़ा किसी भी खिलाड़ी का सपना नहीं होता। जो कमी टोक्यो में रह गई, वो 2024 पेरिस ओलिंपिक में नहीं रहने दूंगी। पूजा रोहतक के नेशनल सेंटर आफ एक्सीलेंस में सीनियर वूमेन बाक्सिंग कैंप में ट्रेनिंग करने पहुंची हैं। दैनिक जागरण रोहतक के मुख्य संवाददाता ओपी वशिष्ठ से पूजा बोहरा ने खास बातचीत की है।

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बातचीत के मुख्य अंश :

सवाल : टोक्यो ओलिंपिक का कैसा अनुभव रहा। पदक जीतने में क्या गलती हो गई?

जवाब : ओलिंपिक में देश को महिला बाक्सिंग में पहला कोटा दिखाकर मैं टोक्यो में पहुंची। हरियाणा की नहीं, बल्कि देश की पहली महिला बाक्सर हूं, जो कोटा दिलाने में सफल रही। टोक्यो का अनुभव अच्छा रहा। क्वार्टर फाइनल तक पहुंची, लेकिन पदक नहीं जीत सकी। जिस बाक्सर के साथ हारी, उसका अनुभव मेरे से ज्यादा था। यह भी एक कारण हो सकता है। जो गलती टोक्यो में हो गई, वो पेरिस में नहीं होने दूंगी।

सवाल : आपने बाक्सिंग को ही क्यों चुना, परिवार में पहले भी कोई खिलाड़ी है?

जवाब : मेरी स्पो‌र्ट्स में शुरू से ही रूचि रही है। कालेज में पहले बास्केटबाल और कोर्फबाल में टीम के साथ खेल चुकी हूं, लेकिन टीम इवेंट की बजाय व्यक्तिगत खेल को प्राथमिकता दी। इसलिए बाक्सिंग को चुना। परिवार में मैं ही पहली खिलाड़ी हूं, इससे पहले कोई अन्य सदस्य खेल से नहीं जुड़ा।

सवाल : बाक्सिंग में बेहतर करियर के लिए युवाओं को क्या करना चाहिए?

जवाब : बाक्सिंग में करियर बनाने से पहले सबसे पहले अच्छा मेंटर यानी कोच का चयन जरूरी है। हालांकि बच्चों को इसकी ज्यादा समझ नहीं होती, इसलिए अभिभावकों को इसका ध्यान रखना होगा। अनुशासन और कड़ा परिश्रम ही खिलाड़ी को ओलिंपिक तक पहुंचा सकता है। लेकिन कुछ युवा जल्दी सफलता हासिल करना चाहते हैं, जब नहीं मिलती को गेम को बीच में ही छोड़ देते हैं।

सवाल : नेशनल सेंटर आफ एक्सीलेंस में किस तरह की सुविधाएं हैं?

जवाब : रोहतक के राजीव गांधी गांधी खेल परिसर में स्थित साई के नेशनल सेंटर आफ एक्सीलेंस में बेहतर सुविधाएं हैं। सुविधाओं को देखते हुए यहां पर पहली बार सीनियर वूमेन बाक्सिंग कैंप लगा है। हालांकि अभी भी यहां हास्टल की कमी है, जो सबसे जरूरी है। नेशनल कैंप से विश्व महिला बाक्सिंग चैंपियनशिप की तैयारियां शुरू हो चुकी है। मई 2022 में टर्की में यह चैंपियनशिप होगी।


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