Exclusive Interview: बास्केटबॉल में लंबाई के मायने नहीं : हरसिमरन कौर
मुझे लगता है लंबाई बास्केटबॉल में कोई मायने नहीं रखती है। चीन और जापान के कई खिलाड़ी ऐसे हैं जो शीर्ष रैंक पर रहे हैं। यह खिलाड़ी की मेहनत और तकनीक पर निर्भर करता है।
विकास शर्मा। पंजाब के कपूरथला की रहने वाली हरसिमरन कौर देश की तीसरी और पंजाब की पहली ऐसी महिला बास्केटबॉल खिलाड़ी हैं जिन्हें नेशनल कॉलिजिट एथलेटिक्स एसोसिएशन (एनसीएए) डिवीजन वन स्कॉलरशिप मिली है। इस स्कॉलरशिप के मिलने से हरसिमरन अब अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ सैन डिएगो में पढ़ाई करेंगी।
वह साल 2021 से वहां पढ़ने जाएंगी। हरसिमरन से पहले भिलाई की कविता अकुला और बेंगलुरू की संजना रामेश भी यह स्कॉलरशिप हासिल कर चुकी हैं। विकास शर्मा ने 17 साल की हरसिमरन की भविष्य की योजनाओं को लेकर विशेष बातचीत की।
आपको यह स्कॉलरशिप कैसे मिली?
नेशनल बास्केटबॉल एसोसिएशन (एनबीए) एकेडमीज वुमंस प्रोग्राम के तहत पिछले साल मई में ट्रायल हुए थे। इनमें मेरा प्रदर्शन अच्छा रहा और मैं देश की पहली ऐसी बास्केटबॉल खिलाड़ी बनी, जिसका चयन एनबीए की कैनबरा ग्लोबल एकेडमी (ऑस्ट्रेलिया) में ट्रेनिंग के लिए हुआ। इसके बाद मैंने एनबीए एकेडमीज प्रोग्राम के तहत कई इंटरनेशनल कैंप में हिस्सा लिया। इन इंटरनेशनल कैंप से मुझे भी अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर मिला। एनबीए कोच मेरे प्रदर्शन पर नजर रख रहे थे, जिसके बाद मुझे स्कॉलरशिप मिली।
स्कॉलरशिप से आपके खेल को क्या फायदा होगा?
अमेरिका में बास्केटबॉल का वैसा ही क्रेज है जैसा इंडिया में क्रिकेट का। बास्केटबॉल के लिए सबसे बेहतरीन खिलाड़ी व कोच अमेरिका में ही हैं। ऐसे में बेहतरीन खिलाडि़यों के साथ खेलने और इंटरनेशनल कोच से ट्रेनिंग से मुझे अलग ही एक्सपोजर मिलेगा। जब आप बेहतरीन खिलाडि़यों के साथ खेलते और अभ्यास करते हैं तो आप उनकी तकनीक सीख जाते हैं।
क्या आपकी ट्रेनिंग भी फोगाट बहनों की तरह हुई है?
वैसी तो नहीं, लेकिन हां, साल 2013 में जब मैंने बास्केटबॉल खेलना शुरू किया था, तो मेरी ट्रेनिंग लड़कों के साथ ही शुरू हुई थी। दरअसल मेरे पिता सुखदेव सिंह खुद राष्ट्रीय स्तर के बास्केटबॉल खिलाड़ी रहे हैं और मौजूदा समय में वह रेलवे कोच फैक्ट्री टीम के बास्केटबॉल कोच हैं। ऐसे में आप कह सकते हैं कि मेरी और मेरी बहन की कहानी भी कुछ फोगाट बहनों से मिलती-जुलती है।
ज्यादा लंबाई वाले खिलाडि़यों को खेल में क्या विशेष फायदा मिलता है?
आपने अक्सर बास्केटबॉल में लंबे खिलाडि़यों को देखा होगा। मेरी लंबाई 6.3 इंच है, लेकिन इसके बारे में मेरी राय अलग है। मुझे लगता है लंबाई बास्केटबॉल में कोई मायने नहीं रखती है। चीन और जापान के कई खिलाड़ी ऐसे हैं जो शीर्ष रैंक पर रहे हैं। यह खिलाड़ी की मेहनत और तकनीक पर निर्भर करता है।
आपके परिजन राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रहे हैं। इसका कितना फायदा मिलता है?
मेरे पिता ऑल इंडिया इंटरयूनिवर्सिटी तक खेले हैं और मां (सुमनप्रीत कौर) अंतरराष्ट्रीय स्तर की वालीबॉल खिलाड़ी रही हैं इसलिए हमारे घर में अधिकतर समय स्पोर्ट्स चैनल चलता है। डाइनिंग टेबल पर डाइट और फिटनेस की चर्चा होती है। डांटने के लिए पदक गिनवाए जाते हैं। ऐसे में खेल के प्रति आकर्षण होना स्वाभाविक है।
भारत में बास्केटबॉल का क्या भविष्य देखती हैं आप?
एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में करीब 12 करोड़ लोग बास्केटबॉल को पसंद करते हैं। यह लोग बार-बार यूट्यूब व अन्य इंटरनेट माध्यमों से बास्केटबॉल मैच को देखते हैं। इतने लोग जिस खेल से जुड़े हों उसका भविष्य यकीनन बेहतर होगा।