अब अदालत नहीं जाएंगे बजरंग, मेंटर योगेश्वर की सलाह के बाद बदला फैसला
योगेश्वर ने बजरंग को सलाह दी है कि इस मामले में पड़ने के बजाय वह अगले महीने होने वाली विश्व चैंपियनशिप की तैयारी पर अपना ध्यान लगाएं।
नई दिल्ली। अपने मेंटर योगेश्वर दत्त की सलाह मिलने के बाद स्टार पहलवान बजरंग पूनिया के राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए उनकी अनदेखी किए जाने के खेल मंत्रालय के फैसले के खिलाफ जाने की अब उम्मीद नहीं है। योगेश्वर ने बजरंग को सलाह दी है कि इस मामले में पड़ने के बजाय वह अगले महीने होने वाली विश्व चैंपियनशिप की तैयारी पर अपना ध्यान लगाएं।
देश के सबसे बड़े खेल सम्मान के लिए अपनी अनदेखी के बाद बजरंग ने गुरुवार को खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर से मुलाकात की थी, जिन्होंने उन्हें आश्वासन दिया था कि वह उनके मामले पर विचार करेंगे।
24 साल के पहलवान बजरंग ने कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक अपने नाम किए थे। उन्होंने कहा था कि अगर उन्हें शुक्रवार शाम तक अनुकूल जवाब नहीं मिलता है तो उन्हें न्याय के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। लेकिन, खेल मंत्रालय के उनके दबाव के आगे झुकने की संभावना नहीं है। ऐसे में योगेश्वर ने बजरंग को आगे बढ़ने की सलाह दी और विश्व चैंपियनशिप की तैयारियों पर अपना ध्यान लगाने को कहा।
योगेश्वर ने कहा कि यह बजरंग के साथ अन्याय है। वह इस साल खेल रत्न का हकदार है। हम कल (गुरुवार को) खेल मंत्री से मिले थे और उन्होंने कहा था कि वह चयन समिति से बात करेंगे। लेकिन, मैंने बजरंग को सलाह दी कि कोर्ट में जाना उनके विश्व चैंपियनशिप की तैयारियों के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर खेल मंत्री के साथ गुरुवार को हुई बजरंग की मुलाकात के दौरान मौजूद थे।
गोल्ड कोस्ट और जकार्ता में स्वर्ण पदकों के अलावा बजरंग ने 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में भी रजत पदक जीते थे। उन्होंने 2013 विश्व चैंपियनशिप में भी कांस्य पदक जीता था, लेकिन इस प्रदर्शन को अंक प्रणाली में शामिल नहीं किया गया, क्योंकि अंक प्रणाली 2014 में ही शुरू हुई थी। इसके अलावा चयन समिति के संदर्भ की शर्तो के अनुसार समिति अपने आप सर्वाधिक अंक हासिल करने वाले खिलाडि़यों के नाम की सिफारिश राजीव गांधी खेल रत्न के लिए नहीं कर सकती लेकिन, कुछ विशेष खेलों में पुरस्कार की सिफारिश सर्वाधिक कुल अंक जुटाने वाले खिलाडि़यों के लिए की जा सकती है। खेल मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा कि अंतिम समय में इस सूची में नाम शामिल करने की संभावना नहीं है। सूत्र ने कहा, 'मंत्री ने बजरंग से मुलाकात की और वह उनकी शिकायत सुनना चाहते थे। उन्होंने बजरंग को बताया कि उनके नाम पर विचार क्यों नहीं किया गया। हालांकि, उन्होंने बजरंग से वादा किया कि है वह इस मामले को देखेंगे, लेकिन पुरस्कार सूची में किसी बदलाव की संभावना कम है।'
एशियन गेम्स के दौरान तारीखों के टकराव की वजह से इस बार राष्ट्रीय खेल पुरस्कार मेजर ध्यान चंद के जन्मदिवस 29 अगस्त की जगह 25 सितंबर को दिए जाएंगे।