अगर दबाव झेलने में कामयाब हुई तो एशियन गेम्स में पदक जरूर जीतूंगी: मनु भाकर
हरियाणा के झज्जर जिले की रहने वाली निशानेबाज मनु भले ही अभी सिर्फ 16 साल की हैं, लेकिन उनसे हर बड़ी चैंपियनशिप में पदक की उम्मीद रहती है।
नई दिल्ली, निखिल शर्मा। पिछले एक वर्ष में अगर किसी ऐसे भारतीय खिलाड़ी के बारे में सोचें, जिसने उम्मीदों से ऊपर उठकर प्रदर्शन किया है तो जहन में सिर्फ एक नाम आता है और वह है मनु भाकर।
हरियाणा के झज्जर जिले की रहने वाली निशानेबाज मनु भले ही अभी सिर्फ 16 साल की हैं, लेकिन उनसे हर बड़ी चैंपियनशिप में पदक की उम्मीद रहती है। एशियन गेम्स में एक बार फिर इस युवा खिलाड़ी से स्वर्ण पदक की उम्मीदें हैं। एशियन गेम्स को लेकर मनु भाकर से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश
एशियन गेम्स और विश्व निशानेबाजी चैंपियनशिप जैसी दो बड़ी स्पर्धा सामने हैं, आपकी तैयारियां कैसी हैं?
मेरी तैयारियां ठीक हैं। मेरे यहां पर पदक जीतने की संभावनाएं हैं। मैं पहले की तरह पूरी कोशिश करूंगी, लेकिन मैं पदक के बारे में सोचती नहीं हूं।
पिछले कुछ माह में देखा जाए तो आपने कई पदक जीते, आपकी तारीफ हुई कई शख्सियतों से मिलने का मौका भी मिला। क्या बदलाव देखती हैं अपने में?
हां, मैंने पिछले कुछ माह में उम्मीदों से बढ़कर प्रदर्शन किया है। इस बीच कई बड़ी शख्सियतों जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलने का मौका मिला। सच कहूं तो सभी ने मेरी खुलकर तारीफ की। इससे मुझे भविष्य में और भी अच्छा करने का आत्मविश्वास मिला है।
आप कुछ ही माह में देश की सबसे शीर्ष निशानेबाज बनकर उभरी हैं। क्या दबाव भी महसूस होता है?
बेशक दबाव किस पर नहीं होता, लेकिन मेरा मानना है कि जो इस दबाव को झेल लेता है वही आगे चलकर एक सफल खिलाड़ी बनता है। मेरे साथ भी ऐसा ही है। मैं अब तक दबाव पर काबू पाने में सफल रही हूं।
आपकी सफलता का सबसे बड़ा राज क्या है?
मैं जब भी किसी चैंपियनशिप में जाती हूं तो कभी भी पदक के बारे में नहीं सोचती हूं। मेरे सामने सिर्फ मेरा लक्ष्य होता है और मैं हर मौके पर बेहतर करना चाहती हूं। इसका नतीजा अगर मेरे लिए पदक के रूप में आए तो इससे बेहतर मेरे लिए कुछ नहीं हो सकता है।