एशियन गेम्स 2018: रविवार को इन खेलों पर रहेगी सभी फैंस की नजर
एशियन गेम्स का शनिवार को रंगारंग आगाज हो गया और अब सबको पदक के लिए खेल स्पर्धाओं का इंतजार है।
नई दिल्ली, जेएनएन। एशियन गेम्स का शनिवार को रंगारंग आगाज हो गया और अब सबको पदक के लिए खेल स्पर्धाओं का इंतजार है। जहां तक भारतीय प्रशंसकों की बात है तो रविवार को सबकी नजरें कुश्ती और निशानेबाजी पर होंगी, जहां प्रतियोगिता के पहले ही दिन भारत की झोली में पदक आने की संभावना है।
रविवार को भारत को कुश्ती में संदीप तोमर (57 किग्रा), बजरंग पूनिया (65 किग्रा), सुशील कुमार (74 किग्रा), पवन कुमार (86 किग्रा) और मौसम खत्री (97 किग्रा) से पदक की उम्मीद रहेगी।
वहीं, निशानेबाजी में 10 मीटर एयर राइफल मिक्स्ड टीम में रविकुमार और पूर्वी चंदेला की जोड़ी और 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम में मनु भाकर और अभिषेक वर्मा की जोड़ी के पास पदक जीतने का मौका होगा।
कुश्ती में दांव
बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट के साथ दोहरे ओलंपिक पदक धारी सुशील कुमार और रियो ओलंपिक में भारत को कांस्य पदक दिलाने वाली साक्षी मलिक की मौजूदगी में भारतीय कुश्ती टीम अपनी दावेदारी पेश करेगी। कुश्ती की स्पर्धाओं में रविवार को फ्रीस्टाइल में छह में से पांच भारतीय पुरुष पहलवान मैट पर उतरेंगे, जिसमें कॉमनवेल्थ गेम्स के स्वर्ण पदक विजेता बजरंग सबसे बड़ी उम्मीद होंगे।
65 किग्रा में वह उज्बेकिस्तान के सिरोजीद्दीन खासानोव के खिलाफ मैट पर उतरेंगे। वहीं, सुशील कुमार (74 किग्रा) बहरीन के पहलवान एडम बातिरोव के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेंगे। ग्रीको रोमन शैली और महिलाओं के मुकाबले सोमवार से शुरू होंगे।
महिला वर्ग साक्षी के अलावा विनेश 62 किग्रा भारवर्ग में मुकाबले में उतरेंगी। विनेश ने 2014 में कांस्य पदक अपने नाम किया था। अन्य पहलवानों में पिंकी (53 किग्रा), पूजा ढांडा (57 किग्रा), दिव्या काकरान (68 किग्रा) और किरण (72 किग्रा) शामिल हैं।
युवा निशानेबाजों का इम्तिहान
भारत के युवा निशानेबाज अनीश भानवाला, मनु भाकर और इलावेनिल वालारिवान रविवार को चीन और दक्षिण कोरिया जैसे मजबूत दावेदारों के खिलाफ कड़े इम्तेहान में उतरेंगे। अनीश की उम्र 15 और मनु की उम्र 16 साल है। अनीश और मनु दोनों कॉमनवेल्थ गेम्स की 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल और 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर सुर्खियों में रहे थे, लेकिन उस टूर्नामेंट की तुलना में एशियन गेम्स की चुनौती कड़ी होगी।
भाकर पहले ही दिन मिक्स्ड टीम स्पर्धा में अभिषेक वर्मा के साथ अपनी दावेदारी पेश करेंगी। भारत ने गोल्ड कोस्ट में सात स्वर्ण पदक जीते थे और उसने एशियन गेम्स के इतिहास में भी इतने ही स्वर्ण पदक हासिल किए हैं। केवल चार निशानेबाज जसपाल राणा, रंजन सोढी, रणधीर सिंह और जीतू राय ही यहां सोने का तमगा जीत सके हैं
बैडमिंटन में आस
बैडमिंटन की स्पर्धाएं भी रविवार से शुरू होंगी, जहां शानदार फॉर्म में चल रहीं पीवी सिंधू और किदांबी श्रीकांत भारतीय चुनौती की अगुआई करेंगे। भारत ने 2014 में इंचियोन एशियन गेम्स में साइना और सिंधू की अगुआई में महिला टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीत कर 28 वर्षो से चले आ रहेपदकों के सूखे को खत्म किया था।
इससे पहले 1986 में प्रकाश पादुकोण और विमल कुमार की पुरुष टीम ने कांस्य पदक हासिल किया था। 1966 से एशियन गेम्स में बैडमिंटन में भारत ने अब तक कुल आठ पदक हासिल किए हैं जिसमें सैयद मोदी इकलौते ऐसे खिलाड़ी है जिन्होंने 1982 में सिंगल्स स्पर्धा में पदक हासिल किया है।
फिलहाल सिंधू 23 अगस्त से शुरू हो रही सिंगल्स स्पर्धा में इस लंबे इंतजार को खत्म करने उतरेंगी। पहले दौर में बाई मिलने के बाद भारतीय महिला टीम सोमवार को क्वार्टर फाइनल में जापान के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेगी। इस साल उबेर कप का खिताब जीतने वाले जापान की टीम में विश्व चैंपियन नोजोमी ओकुहारा और दुनिया के दूसरे नंबर की खिलाड़ी अकाने यामागुची जैसी बड़ी खिलाड़ी हैं।
सिंधू ने पिछले महीने विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने के क्रम में नोजोमी और यामागुची को मात दी थी। टीम स्पर्धा का नतीजा डबल्स विशेषज्ञ अश्विनी पोनप्पा और एन सिक्की रेड्डी के प्रदर्शन पर भी निर्भर करेगा। साथ ही साइना पर भी निगाहें होंगी।
पुरुष टीम का अभियान रविवार को शुरू होगा जिसमें भारत कमजोर मालदीव के खिलाफ खेलेगा। भारतीय टीम अगर इस मैच को जीतने में सफल रही तो क्वार्टर फाइनल में उनका सामना मेजबान इंडोनेशिया से होगा जिसे पहले दौर में बाई मिली है।
श्रीकांत और एचएस प्रणय की अगुआई में भारतीय पुरुष टीम के पास 32 वर्षो के पदक के सूखे को खत्म करने का सुनहरा मौका होगा। वहीं अगर कॉमनवेल्थ गेम्स के रजत पदक विजेता चिराग शेट्टी और सात्विक रेंकीरेड्डी अपने उस प्रदर्शन को दोहराने में कामयाब रहे तो भारत का पदक तय है।
सिंगल्स के मुकाबले 22 अगस्त से शुरू होंगे जिसमें श्रीकांत और प्रणय से भारत को सबसे ज्यादा उम्मीदें होगी। भारतीय कोच पुलेला गोपीचंद को उम्मीद है कि एशियन गेम्स में भारतीय खिलाड़ी इतिहास रचेंगे।
महिला हॉकी टीम पर दारोमदार
पूर्व चैंपियन भारतीय महिला हॉकी टीम पूल-बी में मेजबान इंडोनेशिया के खिलाफ रविवार को अपने अभियान की शुरुआत करेगी। भारत ने अगर एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीता तो वह टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में सफल रहेगा।
भारतीय महिला हॉकी टीम ने 1982 के एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीता था और 1998 में वह दक्षिण कोरिया के खिलाफ उपविजेता रही थी जबकि 2014 के इंचियोन एशियन गेम्स में उसने कांस्य पदक अपने नाम किया था। भारतीय टीम को मौजूदा चैंपियन कोरिया और चीन के अलावा जापान से कड़ी चुनौती मिलने की उम्मीद है।
टेनिस की चुनौती
भारतीय टेनिस टीम ने एशियन गेम्स में अपने मुकाबले शुरू होने के 24 घंटे पहले आखिरकार अपनी डबल्स की जोड़ी तय कर ली है। सिंगल्स में पहले से ही टीम तय थी और डबल्स में रोहन बोपन्ना और दिविज शरण की भी एक जोड़ी कोर्ट पर उतरनी तय थी।
डबल्स और मिक्स्ड डबल्स की जोड़ी शुक्रवार को अभ्यास सत्र के बाद तय की गई। सुमित नागल के साथ रामकुमार रामनाथन दूसरे डबल्स जोड़ीदार के तौर पर भारतीय चुनौती पेश करेंगे। दिग्गज लिएंडर पेस के अचानक टीम से हटने के बाद डबल्स की संभावनाओं पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है। हालांकि भारतीय टेनिस टीम के कोच और कप्तान जीशान अली टीम को संभालने में जुटे हुए हैं।