इस भारतीय खिलाड़ी ने ऐसे निकाला अपना गुस्सा, कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए नहीं हुआ था चयन
अखिल शेरोन का कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए चयन नहीं हुआ है। इसी टीस में उन्होंने भारत को निशानेबाज़ी विश्व कप में चौथा स्वर्ण पदक दिला दिया है।
नई दिल्ली, निखिल शर्मा। ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में चार से 15 अप्रैल तक होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए निशानेबाजी टीम का चयन हो चुका था। तभी उसके बाद मेक्सिको में निशानेबाजी विश्व कप शुरू हुआ। मनु भाकर, शहजर रिजवी और अब अखिल शेरोन वो नाम हैं जिनका कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए चयन नहीं हुआ है। इसी टीस ने भारत की झोली में अब चौथा स्वर्ण पदक निशानेबाजी विश्व कप में दिला दिया है।
खुद को साबित करना था
उत्तर प्रदेश के मेरठ में अपनी पढ़ाई और निशानेबाजी शुरू करने वाले अखिल ने शनिवार को निशानेबाजी विश्व कप में 50मी राइफल थ्री पोजीशन में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। अखिल ने कहा कि विश्व कप में आए कुछ निशानेबाजों के अंदर कॉमनवेल्थ गेम्स में नहीं चुने जाने की टीस थी। शहजर ने जब विश्व कप में स्वर्ण दिलाया तो इससे टीम का आत्मविश्वास काफी बढ़ गया। इसके बाद मनु के साथ शहजर को मिली सोशल मीडिया पर बधाइयों और तारीफों ने माहौल पूरी तरह से बदल कर रख दिया। अखिल ने कहा कि विश्व कप में 2015 में भी उन्होंने रजत जीता था, लेकिन इस बार स्वर्ण पर निशाना साधने की चाह ज्यादा थी।
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बागपत के रहने वाले अखिल ने बताया 2016 में वह रियो ओलंपिक के कोटे से चूक गए थे। 2018 जनवरी में वह कॉमनवेल्थ के ट्रॉयल में तीसरे नंबर पर रहे और कोटा गंवा बैठे। अखिल ने इसके बाद अपनी तैयारियों पर पूरा ध्यान दिया। अखिल ने कहा कि मेरठ से स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद नई दिल्ली के कर्णी सिंह रेंज का रास्ता देखा। मेरठ में कोच अश्विनी बंसल ने कहा था कि आगे का सफर तुम्हें खुद तय करना है।
अखिल ने दिलाया चौथा स्वर्ण
मेक्सिको में खेले जा रहे आइएसएसएफ निशानेबाजी विश्व कप में भारत का शानदार प्रदर्शन जारी है। शनिवार देर रात को अखिल शेरोन ने 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता। इस टूर्नामेंट में भारत अब चार स्वर्ण, एक रजत और चार कांस्य सहित कुल नौ पदक जीतकर अंकतालिका में शीर्ष पर बना हुआ है। 22 वर्षीय शेरोन ने 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन में कुल 455.6 अंक हासिल कर सोने के तमगे पर अपना सफल निशाना साधा। ऑस्टिया के बेरनहार्ड पिकल ने रजत पदक और हंगरी के इस्तवान ने 442.3 अंक के साथ कांस्य पदक हासिल किया।