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एंडी मरे ने जीता लगातार दूसरा स्वर्ण पदक, रच दिया इतिहास

ग्रेट ब्रिटेन के एंडी मरे ओलंपिक में टेनिस की पुरुष सिंगल्स स्पर्धा में दो स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले खिलाड़ी बन गए।

By sanjay savernEdited By: Published: Mon, 15 Aug 2016 10:15 PM (IST)Updated: Tue, 16 Aug 2016 05:48 AM (IST)

रियो डि जेनेरियो। ग्रेट ब्रिटेन के एंडी मरे ओलंपिक में टेनिस की पुरुष सिंगल्स स्पर्धा में दो स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले खिलाड़ी बन गए। उन्होंने ऐतिहासिक फाइनल मुकाबले में अर्जेंटीना के जॉन मार्टिन डेल पोत्रो को 7-5, 4-6, 6-2, 7-5 से शिकस्त देकर यह उपलब्धि हासिल की।

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मरे ने 2012 लंदन ओलंपिक में भी स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। उनके खिताबों के खजाने में तीन ग्रैंड स्लैम भी दर्ज हैं। उन्होंने 2012 में यूएस ओपन जीता था और 2013 व 2016 में विंबलडन का ताज अपने सिर पर पहना था। इसी के साथ 29 वर्षीय मरे ने लगातार 18वीं जीत दर्ज की, जो उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

इस मुकाबले को ओलंपिक के सबसे बेहतरीन फाइनल में से एक के रूप में याद किया जाएगा। चार घंटे से ज्यादा समय तक चले फाइनल मुकाबले के खत्म होने के बाद दोनों खिलाडिय़ों ने नेट पर एक-दूसरे को काफी देर तक गले लगाए रखा। चार साल पहले लंदन ओलंपिक का कांस्य पदक जीतने वाले डेल पोत्रो बेहद निराश नजर आए और रोते हुए कोर्ट के एक तरफ बैठ गए।

मरे ने कहा, 'यह मैच काफी उतार-चढ़ाव वाला और काफी तनावपूर्ण रहा। हम दोनों को कई मौके मिले और यह काफी लंबा और थकाने वाला मैच था। मुझे बेहद खुशी है कि मैं इसे जीतने में सफल रहा। मुझे पिछले कुछ वर्षों में कई मुश्किल मुकाबलों में हार मिली थी। इनमें बहुत से ग्रैंड स्लैम फाइनल भी शामिल हैं। मैंने पिछली कुछ बड़ी स्पर्धओं में स्पष्ट जीत हासिल की और इसका मतलब था कि यहां मेरे करने के लिए काफी कुछ है।Ó

मरे ने 2009 के यूएस ओपन चैंपियन डेल पोत्रो की भी तारीफ की जो अपनी कलाई की तीन सर्जरी के बाद वापस टेनिस कोर्ट पर लौटे। कलाई की चोट के चलते डेल पोत्रो का करियर संकट में पड़ गया था। मरे ने कहा, 'वह अपनी कलाई की ऐसी स्थिति के बावजूद पिछले तीन वर्षों से क्या बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। मैं कल्पना नहीं कर सकता कि यह मानसिक रूप से उनके लिए कितना मुश्किल होता होगा। इस स्तर पर खेलने के लिए खुद को प्रोत्साहित करना और दुनिया की सबसे बड़ी स्पर्धा में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाडिय़ों के खिलाफ खेलना आश्चर्यजनक है। उन्हें इसका श्रेय जाता है।Ó

फाइनल मुकाबले का फैसला चौथे सेट में हुआ जो बेहद नाटकीय रहा। डेल पोत्रो दो बार मरे की सर्विस तोड़कर 2-1 और 4-3 से आगे हुए, लेकिन दोनों बार मरे के आक्रमण के आगे वह लड़खड़ा गए। ब्रिटिश खिलाड़ी ने दो ब्रेक प्वाइंट बचाते हुए 6-5 की बढ़त बनाई। दूसरे मैच प्वाइंट पर डेल पोत्रो का बैकहैंड नेट से टकराते ही मरे ने जीत दर्ज कर ली।

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