आध्यात्मिकता के बगैर स्वच्छ समाज असंभव : कुसुम
अध्यात्मिकता के भीतर ही सत्य शांति दया व क्षमा छिपी होती है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : अध्यात्मिकता के भीतर ही सत्य, शांति दया व क्षमा छिपी होती है। सभी के मंगलमय जीवन की कामना इसी से की जा सकती है। विज्ञान के इस युग में मनुष्य आध्यात्मिक साधना से दूर होता जा रहा है, इस कारण समाज में अशांति, अनुशासनहीनता, निष्ठुरता पैदा हो रही है। गुरुंडिया ब्लॉक के कुंडेइडीहा कंसर अस्पताल मैदान में आयोजित विश्व शांति महायज्ञ व धर्म रक्षा यज्ञ में विहिप के पश्चिम प्रांत धर्म प्रसार प्रमुख शांतनु कुसुम ने यह बात कही।
सुबह कंसर नाला से कलश लेकर महिलाएं कीर्तन करते हुए इलाके का भ्रमण किया। इसके बाद कंसर अस्पताल मैदान में कलश स्थापित कर हवन एवं यज्ञ किया गया। पंडित धनेश्वर पंडा ने पूजन कार्य संपन्न कराया। इस मौके पर किशोर चंद्र बरिहा, सरोजिनी बरीजा, कुंज बिहारी सामंत, प्रमिला सामंत, विक्रम नायक, नवीन चंद्र सामंत, चुड़ामणि महंतो, रामचंद्र नायक, रघुनाथ दंडसेना, अनंत नायक, करुणाकर नयाक, शरत चंद्र नायक, दीपक कुमार नायक, लीलिमा नायक, ईश्वर चंद्र पात्र, धीरेन कुमार साहू, जयंती नायक, रसानंद नायक, अच्युतानंद पटेल, भिखारीचरण साहू, राजेन्द्र सामंत, रामचंद्र नायक, कर्ण किसान, भगवती साहू, प्रमिला, सविता साहू, प्रमोद साहू, ममता साहू आदि ने सहयोग किया।