राजगांगपुर की व्यवसायिक इमारत गिन्नी इनक्लेव टूटेगी !
नगर की पांच मंजिला व्यवसायिक इमारत गिन्नी इनक्लेव सरकारी मानकों के अनुसार नहीं बनाए जाने को लेकर पूर्व नगरपाल पूर्णचंद्र राउत ने 2019 में हाई कोर्ट में डब्ल्यूपीसी 5203 की धारा के तहत चुनौती याचिका दाखिल की थी।
संसू, राजगांगपुर : नगर की पांच मंजिला व्यवसायिक इमारत गिन्नी इनक्लेव सरकारी मानकों के अनुसार नहीं बनाए जाने को लेकर पूर्व नगरपाल पूर्णचंद्र राउत ने 2019 में हाई कोर्ट में डब्ल्यूपीसी 5203 की धारा के तहत चुनौती याचिका दाखिल की थी। इस पर उच्च न्यायालय का आदेश आने के बाद जिलापाल ने दोनों पक्षों को बुलाकर मामले की सुनवाई की। सुनवाई के उपरांत जिलापाल ने राजगांगपुर नगरपालिका के कार्यपालक पदाधिकारी बिनोद चंद्र पंडा से पूरा ब्योरा तलब किया है। अगर जांच में इमारत नियमों के अनुरूप बनी नहीं पायी गई तो इसे ढहाया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व नगरपाल ने अपनी याचिका में जो खामियां गिनाई थी। उसके मुताबिक 32 डिसमिल में बनी पांच मंजिला व्यवसायिक इमारत के केवल साढ़े आठ डिसमिल जमीन पर भवन निर्माण की अनुमति नगरपालिका द्वारा प्रदान की गई थी। शेष 23 डिसमिल जमीन की अनुमति राउरकेला विकास प्राधिकरण द्वारा दी गई है। इसकी अवधि 3 साल होती है। इसके बाद नवीनीकरण कराना पड़ता है। पार्किंग एरिया का निर्माण न कर ग्राउंड फ्लोर में दुकान बना दी गई है। भवन की भूमि नजूल है जिसको रैयती बना कर भवन का निर्माण करने के लिए करोड़ों रुपये बैंक से लोन लिया गया है। पुरातात्विक राष्ट्रीय राजमार्ग प्रमाणपत्र भी नहीं है। बिल्डिग दृढ़ता प्रमाण पत्र नहीं है।आरडब्ल्यूएसएस वाटर रिसोर्स डिपार्टमेंट/ राज्य सरकार से जल प्राधिकरण की अनुमति नहीं ली गई है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति का प्रमाण पत्र भी नहीं लिया गया है। पांच मंजिला व्यावसायिक इमारत गिन्नी इनक्लेव सरकार के नियमों की अनदेखी करते हुए अवैध रूप से बनाया गया है। सूचना अधिकार (आरटीआइ) से इसके अवैध होने की विस्तृत जानकारी मिली थी। इसके बाद मामले को उच्च न्यायालय में ले गया। न्यायालय से आदेश आने के बाद जिलापाल से मिलकर अपना पक्ष रखा हूं। यह भवन आम लोगों के लिए खतरा है।
पूर्ण चंद्र राउत, पूर्व नगरपाल, राउरकेला
हाई कोर्ट के आदेश के बाद दोनों पक्षों को लेकर सुनवाई की गई थी। इमारत के बारे में राजगांगपुर नगरपालिका के कार्यपालक अधिकारी से पूरा ब्योरा मांगा गया है। इसके बाद फिर मामले में सुनवाई कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
निखिल पवन कल्याण, जिलापाल, सुंदरगढ़।