Move to Jagran APP

मौत के साये में रहते आरपीएफ जवान

क्रधरपुर रेल मंडल के अधीन बंडामुंडा रेल खंड में रेलवे की सुरक्षा में लगे आरपीएफ जवान जर्जर भवन व टपकती छत के नीचे रहने को मजबूर हैं।

By Edited By: Published: Fri, 31 Aug 2018 06:57 PM (IST)Updated: Sat, 01 Sep 2018 08:06 AM (IST)
मौत के साये में रहते आरपीएफ जवान

बंडामुंडा, जेएनएन। चक्रधरपुर रेल मंडल के अधीन बंडामुंडा रेल खंड के सभी रेलवे दफ्तर भले ही पूरी तरह चकाचक दिखते हो, लेकिन दिन-रात रेलवे की सुरक्षा में लगे आरपीएफ जवानों के रहने वाले बैरक की बदहाली से यहां रहने वाले जवानों की सुरक्षा पर ही सवालिया निशान लग गया है। तमाम शिकायतों के बावजूद आरपीएफ जवान जर्जर भवन व टपकती छत के नीचे रहने को मजबूर हैं। स्थिति सबसे अधिक तो तब खराब हो जाती है, जब बरसात के दिनों में जलमग्न हो चुके बैरक परिसर में बनी नाली के गंदे पानी से निकलते कीड़े आसानी से बैरेक के अंदर घुस जाते है।

loksabha election banner

लेकिन इस समस्या का समाधान करने की दिशा में कोई ध्यान नही दिया जाता। ऐसा नहीं है कि रेलवे के वरीय अधिकारी आरपीएफ जवानों के रहने वाले इस बैरक की बदहाली से वाकिफ नहीं हैं। लेकिन हैरानी वाली बात तो यह है कि जिन जवानों के सहारे लाखों पैसेंजर्स से लेकर स्टेशन व ट्रेनों की सुरक्षा होती है, उन्हीं जवानों के लिए विभाग की यह उदासीनता कहीं न कहीं जवानों के हौसले को भी कमजोर कर रहा है। हालांकि आरपीएफ की ओर से करीब दर्जनों बार इसके लिए रेलवे अधिकारियों को लिखित शिकायत भी की जा चुकी है। लेकिन आज तक इसका मरम्मत तो दूर किसी अधिकारी ने यहां के निरीक्षण करने तक की जहमत नहीं उठाई।

बंडामुंडा बैरक में रहते हैं तीन दर्जन जवान: बंडामुंडा रेलवे स्टेशन के सामने स्थित आरपीएफ बैरक में कुल करीब तीन दर्जन जवान रहते हैं। लेकिन इस बैरक की बदहाली का आलम यह है कि यहां की दीवारों पर बड़े-बड़े पेड़ जमे होने से इनकी दीवारें चटक गई हैं। छतों से पानी टपकता रहता है। बाथरूम से लेकर बैरक तक में गंदगी का अंबार भरा पड़ा है। बरसात होते ही जवानों को अपने बैरक तक पहुंचने के लिए या फिर साफ-सुथरी वर्दी पहनकर ड्यूटी पर जाने के लिए गंदे सीवरेज के पानी में होकर गुजरना पड़ रहा है। बैरक की स्थिति बद से बदतर होने के बाद भी इसकी सुध लेनेवाला कोई नही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.