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तेतरकेला घाट से बालू की अवैध ढुलाई

बीरमित्रपुर तहसील अंतर्गत कोयल नदी के तेतेरकेला घाट से बालू की अवै

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Mar 2019 11:57 PM (IST)Updated: Wed, 13 Mar 2019 11:57 PM (IST)
तेतरकेला घाट से बालू की अवैध ढुलाई
तेतरकेला घाट से बालू की अवैध ढुलाई

संवादसूत्र, बंडामुंडा : बीरमित्रपुर तहसील अंतर्गत कोयल नदी के तेतेरकेला घाट से बालू की अवैध ढुलाई धड़ल्ले से जारी है। सड़क, भवन व अन्य निर्माण में बालू भेजकर ठेकेदार व माफिया मालामाल हो रहे हैं। लगातार बालू का खनन होने से नदी का अस्तित्व भी खतरे में है।

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पर्यावरण सुरक्षा के मद्देनजर न्यायालय व सरकार ने बालू खनन के लिए नियमावली बनाई है। जिसके अनुसार ही बालू का उठाव करना है। तेतेरकेला बालू घाट पर बालू माफिया नियमों को ठेंगा दिखा रहे हैं और मनमर्जी से बालू का खनन कर रहे हैं। यहां डेढ़ महीने से बिना टीपी के ही बालू की ढुलाई हो रही है। उधर बालू माफियाओं द्वारा चालान के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है। इससे निर्माण कार्य कराने वालों को बालू मंहगा पड़ रहा है। ग्रामीणों का आरोप है की इस बालू घाट में नियम के विरुद्ध बालू खनन करने से नदी के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है। हालात यहां तक पहुंच गया हैं कि बालू माफिया अवैध खनन के लिए कोयल नदी में पानी की धारा को बदल दे रहे हैं। सरकारी आदेशानुसार बालू का उठाव तीन फुट की जगह 20 से 25 फुट तक किया जा रहा है, जिससे पर्यावरण भी प्रभावित हो रहा है। वहीं कोयल नदी का जल स्तर भी प्रभावित हो रही है, जिससे गर्मी के आते ही आसपास के गांवों के नलकूप सूखने लगते हैं एवं पेयजल की समस्या उत्पन्न हो रही है। इसके अलावा बालू घाटों पर वजन मापने के लिए वे- ब्रिज भी नहीं लगाया गया है। जबकि बालू की चोरी रोकने के लिए सरकार ने सभी बालू घाटों पर वे-ब्रिज लगाने का आदेश दिया है। पर बालू ठेकेदारों द्वारा सरकार के आदेश को ठेंगा दिखाया जा रहा है।


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