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डालमिया विद्या मंदिर में ग्रैंड पेरेंट्स डे का आयोजन

शनिवार को डालमिया विद्या मंदिर सभागार में प्राचार्य डॉ राघवेन्द्र द्विवेदी के प्रत्यक्ष तत्वावधान में ग्रैंड पेरेंट्स डे का आयोजन हुआ।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Sep 2021 07:28 AM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 07:28 AM (IST)
डालमिया विद्या मंदिर में ग्रैंड पेरेंट्स डे का आयोजन
डालमिया विद्या मंदिर में ग्रैंड पेरेंट्स डे का आयोजन

संसू, राजगांगपुर : शनिवार को डालमिया विद्या मंदिर सभागार में प्राचार्य डॉ राघवेन्द्र द्विवेदी के प्रत्यक्ष तत्वावधान में ग्रैंड पेरेंट्स डे का आयोजन हुआ। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में साहित्यकार, कवि, लेखक डॉ सुशील दाहिमा 'अभय' व सम्मानित अतिथि के रूप में शिक्षक अरुण पंडा अपनी धर्मपत्नी के साथ उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन करते हुए ममता सारडा व तुलिका पांडे ने कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी। अतिथियों न दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर स्कूल के छोटे-छोटे बच्चों ने दादा दादी एवं नाना नानी पर आधारित नृत्य गीत प्रस्तुत कार्यक्रम के उद्देश्य को मुखर किया। प्राचार्य डॉ राघवेन्द्र द्विवेदी ने अपने संबोधन में इस कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए अभिभावकों से अनुरोध किया की वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा एवं संस्कार दें।

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वहीं मुख्य अतिथि डॉ सुशील दाहिमा ने कहा कि आज की इस भागदौड़ भरी जिदगी में एकल परिवार का चलन बहुत तेजी से बढ़ रहा है। वहीं दूसरी ओर इस धारा के समानांतर में कुछ लोग संयुक्त परिवार के बीच रहना पसंद करते हैं। इनका मानना है कि संयुक्त परिवार में बुजुर्गों की मान मर्यादा का विशेष ध्यान दिया जाता है। डा. दाहिमा ने ग्रैंड पेरेंट्स डे के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि संयुक्त परिवारों में बच्चों का लगाव अभिभावकों से ज्यादा दादा दादी, नाना नानी से होता है और बच्चे उनके साथ समय व्यतीत कर अच्छी शिक्षा एवं संस्कार पाते हैं। इस जुड़ाव एवं लगाव से संयुक्त परिवार में प्रेम बढ़ता है और एकजुटता बनी रहती है। बच्चों की जिदगी में दादा दादी, नाना नानी का एक अलग महत्व है। इस मौके पर उन्होंने हिदी दिवस के पखवाड़े पर हिंदी को समृद्ध बनाने के लिए सभी से अपील करते हुए कहा जनमानस की भाषा ही सर्वश्रेष्ठ भाषा है और राष्ट्र भाषा भी जनमानस की भाषा होनी चाहिए।

इस मौके पर मुख्य अतिथि सहित अन्य अतिथियों को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। अतिथियों ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता बच्चों को पुरस्कृत भी किया।


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