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डीएम ने साथ में बैठ चखा बच्चों का खाना

कुतरा प्रखंड के आमभोगा पंचायत स्थित सरकारी प्राथमिक स्कूल में

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Jul 2018 06:58 PM (IST)Updated: Mon, 23 Jul 2018 06:58 PM (IST)
डीएम ने साथ में बैठ चखा बच्चों का खाना
डीएम ने साथ में बैठ चखा बच्चों का खाना

जागरण संवाददाता, सुंदरगढ़ : कुतरा प्रखंड के आमभोगा पंचायत स्थित सरकारी प्राथमिक स्कूल में सोमवार को व्यवस्था का हालचाल जानने के लिए जिलाधीश सुरेंद्र कुमार मीणा पहुंच गए। वक्त दोपहर का था लिहाजा उन्होंने स्कूल में बच्चों को दिए जाने वाले मध्यान्ह भोजन को खुद भी चखने की इच्छा जाहिर की। मकसद साफ था कि भोजन की गुणवत्ता को जांचा जाए। भोजन की गुणवत्ता ठीक थी लेकिन उनके इस दौरे की जानकारी पहले से ही पंचायत में थी। इसलिए संभवत: भोजन की क्वालिटी अच्छी कर दी गई हो, इस आशंका से उन्होंने एक दर्जन छात्रों से पूछा कि भोजन आज ही अच्छा मिला या फिर पहले भी मिलता रहा है। इस पर बच्चों ने बताया कि भोजन इसी क्वालिटी का उन्हें रोज मिलता है। इस पर जिलाधीश ने स्कूल के अध्यापकों व रसोई तैयार करने वालों की तारीफ की। वह स्कूल में मिड डे मील की व्यवस्था से पूरी तरह संतुष्ट नजर आए। गौरतलब है कि जिलाधीश ने अपने सोमवार की जनसुनवाई को प्रखंड स्तर के बाद अब पंचायत स्तर कर दिया है। जिसके बाद वे पंचायतों का दौरा कर वहां की व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं। साथ ही मौजूद दिक्कतों के बारे में सीधे ग्रामीणों से जानकारी ले रहे हैं।

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मिड डे मील की मौजूदा व्यवस्था सही : बातचीत में जिलाधीश ने बताया कि सुंदरगढ़ जिले में मिड डे मील की मौजूदा व्यवस्था सही है। हालांकि सुधार की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है जिसकी लगातार मानीट¨रग हो रही है। राउरकेला में जिस तरह अक्षय पात्र फाउंडेशन के जरिए मिड डे मील बच्चों को पहुंचाया जा रहा है ऐसी व्यवस्था पूरे जिले में लागू करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि भौगोलिक रूप से सुंदरगढ़ जिला काफी जटिल है। जहां परिवहन की व्यवस्था थोड़ी खर्चीली है। ऐसे में अगर मिड डे मील को सेंट्रल किचन के जरिए उपलब्ध भी कराया जाए तो यह बहुत ज्यादा सफल नहीं होगा। साथ ही यह खर्चीला भी हो जाएगा।

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जनसुनवाई में लोगों ने सुनाई अपनी समस्या : जिलाधीश ने कहा कि जिले के ग्रामीण इलाकों से लोग अभी जिला मुख्यालय आकर अपनी समस्या साझा नहीं कर पाते। लिहाजा जनसुनवाई को व्यापक रूप देने के लिए अब प्रखंड स्तर की जगह जनसुनवाई को पंचायत स्तर तक ले जाया गया है। मकसद है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों की समस्याएं सामने आए। एक तरह की समस्याएं अलग-अलग जगह मौजूद हैं जिनका एक डेटा बनने के बाद ऐसी व्यवस्था बनाई जाए ताकि मुख्यालय से जारी आदेश को एक साथ सभी जगह लागू कर पाए।


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