ओआइएसएल के 130 परिवारों के समक्ष रोटी का संकट
कोरोना को लेकर देशभर में चल रहे लॉकडाउन में आम-ओ-खास को विभिन्न समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।
संवाद सूत्र, राजगांगपुर : कोरोना को लेकर देशभर में चल रहे लॉकडाउन में आम-ओ-खास को विभिन्न समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। खासकर निर्धन तबके को दो जून की रोटी के लिए भी जिद्दोजहद करनी पड़ रही है। इनमें एक तरह से बंद हो चुकी ओडिशा आयरन एंड स्टील लिमिटेड (ओआइएसएल) जामपाली के 130 कर्मचारी परिवार के चार सौ लोग शामिल हैं जिन्हें छह महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण एक जून की रोटी के लाले पड़ गए हैं। इन कर्मचारियों की माने तो 13 मार्च से बिजली कट गई हैं और जनरेटर के जरिए उनके घरों को रोशनी मिल रही है। बताया कि डीजी में कल शाम तक का डीजल बचा है, इससे आगे पानी की भी व्यवस्था बड़ी समस्या हो जाएगी। इनका कहना है कि बिन पैसे वैसे ही हम लोग आधे मर चुके है, कोरोना तो बस बहाना हो सकता है।
विधायक ने सुनी व्यथा, त्वरित मदद के लिए जिलापाल से साधा संपर्क
इन 130 परिवारों की दुखद स्थिति की खबर मिलने पर क्षेत्रीय विधायक डॉ राजन एक्का ने कंपनी परिसर जाकर सभी से मुलाकात की तथा आश्वस्त किया कि वे उनके साथ हैं। साथ ही कंपनी की निदेशक निर्मला कुजूर को फोन लगाया लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया। जबकि कर्मचारियों ने बताया बीती रात 2 बजे तक वह यहीं थीं। इसके बाद विधायक ने जिलापाल निखिल पवन कल्याण से बात कर प्रभावितों को दो महीने का वेतन दिलाने, कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने एवं डीजी के लिए आवश्यक डीजल की व्यवस्था करने का आग्रह किया।
शहर को सैनिटाइज करने में जुटी डालमिया सीमेंट
राजगांगपुर को कोरोना से बचाने के लिए डालमिया भारत सीमेंट ने बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने पूरे शहर को सैनिटाइज करने का निर्णय लेते हुए सोमवार से इस पर अमल भी शुरू कर दिया। दमकल गाड़ी के जरिए पूरे शहर को सेनिटाइज किया जा रहा है। इस मिशन की शुरुआत कंपनी के ईडी सुनील गुप्त ने विधायक डॉ राजन एक्का के साथ लिपलोई स्थित जगन्नाथ मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद की। यहां से दमकल गाडियों को सैनिटाइज कार्य के लिए सुबह 11 बजे रवाना किया गया। इन गाड़ियों के जरिये कर्मियों ने मुख्य मार्ग, गली मोहल्लों में घूमकर सैनिटाइजेशन किया। विधायक व ईडी के साथ अरुण अग्रवाल, यूथ अध्यक्ष फईम अख्तर ने निगरानी की।
आइसोलेशन वार्ड की तैयारी अनियमितता के आरोप
सुंदरगढ़ जिले में कोरोना से निपटने के लिए आइसोलेशन वार्डो की तैयारियों में भी अनियमितता का आरोप सामने आया है। प्रत्येक प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 50 बेड तथा हर पंचायत में 40 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार किया जा रहा है। अमूमन विद्यालय अथवा किसी खाली भवन में बनाए जा रहे इन वार्डो में बेड, बिजली, पंखा, शुद्ध पेयजल, साबुन, फिनाइल, सैनिटाइजर, शौचालय के साथ रोगी के खानपान के लिए 5 लाख की राशि स्वीकृत की गई है। पर अधिकांश स्थान पर केवल बेड, बिजली की व्यवस्था देखने को मिली। कहीं कहीं शौचालय के साथ साबुन मुहैया कर कर्मचारी रोगी के आने पर पंचायत द्वारा जिम्मेदारी उठाने की बात कह रहे हैं। अधिकांश स्थानों पर 40 की जगह अब तक 10 बेड की ही व्यवस्था हो पायी है। कहीं दीवार, दरवा•ाों का रंग रोगन तो कहीं बेड, चादर, गद्दे की तलाश चल रही है। सबडेगा प्रखंड के सुबलया पंचायत, बडगांव के पामर पंचायत, लेफ्रीपाड़ा प्रखंड के अलापका व बड़बंगा पंचायत की स्थिति कमोवेश ऐसी ही है। पामर पंचायत में केरल से आए श्रमिक खुले आम गांव में घूम रहे हैं। लेफ्रीपड़ा प्रखंड में भी महाराष्ट्र, दिल्ली व केरल से लौटे कामगारों की स्वास्थ्य जांच तक नहीं हुई है। इस प्रखंड से कुल 4 लोगों का नमूना संग्रह कर जांच को भेजा गया था जिनमें से तीन की रिपोर्ट निगेटिव आयी है।