संबलपुर के कुख्यात विकास मुंडा पर रासुका
जिला पुलिस ने कानून व्यवस्था भंग करने तथा समाज के लिए आतंक का पर्याय
जागरण संवाददाता, संबलपुर: जिला पुलिस ने कानून व्यवस्था भंग करने तथा समाज के लिए आतंक का पर्याय बने कुख्यात अपराधियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) 1980 के तहत कार्रवाई की है। विगत कुछ माह में शहर के चार कुख्यात अपराधियों को रासुका के तहत निरुद्ध किया गया है। सोमवार को अइंठापाली थाना अंतर्गत देहेरीपाली के विकास मुंडा पर भी रासुका लगा दिया गया। विकास को 27 सितंबर को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था।
जिला पुलिस अधीक्षक संजीव अरोरा ने बताया कि विकास मुंडा के खिलाफ हत्या, डकैती, डकैती की कोशिश, लूटमार, दंगा भड़काने, मारपीट के दर्जन भर से अधिक मामले दर्ज हैं। गत 24 सितंबर की रात विकास व उसके साथियों ने फाटक इलाके के एक होटल में हंगामा करने, पिस्तौल, भुजाली दिखाकर आतंक फैलाने की कोशिश की थी। इसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया था। जिलाधीश की अनुशंसा पर उसके खिलाफ 29 अक्टूबर को रासुका लगा दिया गया।
इससे पूर्व, धनुपाली थाना अंतर्गत सोनापाली के सरफराज खान उर्फ बाबू कंक को पांच अगस्त की शाम ¨सदूरपक चौक में हवाई फायर कर आतंक फैलाने के आरोप में सदर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वर्ष 2005 से अपराध जगत में पैर जमाने वाले बाबू कंक के खिलाफ ओडिशा के कई जिले में संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसी प्रकार टाउन थाना अंतर्गत मोदीपाड़ा के रूपेश कुसुम को बुर्ला पुलिस ने 13 जुलाई, 2018 को पुलिस पर गोली चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। रुपेश भी 2005 से अब तक 15 से अधिक आपराधिक मामलों में संलिप्त था। इसके अलावा सदर थाना अंतर्गत रासनपुर गांव के धनेश्वर झांकर उर्फ टिमा को भी उसके अपराधग्राफ के आधार पर रासुका में बंदी बनाया जा चुका है।