बामड़ा वाइल्ड डिवीजन में अपनाया जा रहा जापानी माडल सातोयामा
संसू बामड़ा बामड़ा वाइल्डलाइफ डिवीजन के नूनभेंट गांव में पिछले वर्ष जापान और भारत सरकार
संसू, बामड़ा : बामड़ा वाइल्डलाइफ डिवीजन के नूनभेंट गांव में पिछले वर्ष जापान और भारत सरकार के सहयोग से शुरू हुई सातोयामा योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए लाइन डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने मंगलवार को बड़रमा गेस्ट हाउस में माइक्रो प्लानिग प्रस्तुति को लेकर बैठक की। बड़रमा वाइल्डलाइफ अभ्यारण्य में रहने वाले वनवासियों का आर्थिक और सामाजिक अभिबृद्धि करने के साथ जंगल की सुरक्षा को लेकर सातोयामा योजना बीते वर्ष नूनभेंट गांव में वन विभाग द्वारा शुरू की गयी थी। अभ्यारण्य में रहने वाले वनवासियों द्वारा अभ्यारण्य के बाहर रहने से मना करने पर भारत सरकार ने जंगल सुरक्षा व उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए जापानी मॉडल सातोयामा को पहली बार बामड़ा वाइल्ड डिवीजन में अपना रही है। ये बनवासी जंगल में मिलने फल, फूल, औषधि और जलावन बेचकर अपनी जीविका चलाते थे। सातोयामा योजना में इन बनवासियों को आर्थिक सहयोग देकर जैविक खेती करने, स्मोकलेस चूल्हा का उपयोग करने, मछली, मुर्गी और पशुपालन, बागवानी कर सब्जी और फल-फूल की खेती करने के गुर सिखाया जाता है। जिससे जंगल सुरक्षित रहे और वनवासियों की माली हालत में भी सुधार हो। इस वर्ष नए नौ गांव को इस योजना में शामिल किया गया है। इन गांवों में इको कमेटी का गठन किया गया है और इसके माध्यम से गांव का विकास के साथ व्यक्तिगत विकास करने का लख्य रखा गया है। इको कमेटी के सदस्य और लाइन डिपार्टमेंट के अधिकारियों के साथ प्रस्तुति बैठक बड़रमा डाक बंगले में हुई। योजना की सफल क्रियान्वयन के लिए माइक्रो प्लानिग करने के साथ इसको लेकर प्रस्तुति की गई। सभी लाइन डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने अपने-अपने विभाग द्वारा किए जाने वाली योजनाओं को सातोयामा के साथ तालमेल बिठाकर ग्राम विकाश का लक्ष्य हासिल करने को मंथन किया। बामड़ा वाइल्डलाइफ एसीएफ आरके नायक की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में बड़रमा फारेस्ट रेंजर रेशमा जामडलिया, जमनकिरा प्रखंड विकास पदाधिकारी डा. रुद्रनारायण साहू समेत विभिन्न विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।