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नकली मोबिल व लुब्रीकेंटस गिरोह का पर्दाफाश

संसू, संबलपुर : वाहनों में उपयोग होनेवाले मोबिल और लुब्रीकेंटस का नकली कारोबार करनेवाले गिरोह का धनु

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 May 2018 06:12 PM (IST)Updated: Thu, 17 May 2018 06:12 PM (IST)
नकली मोबिल व लुब्रीकेंटस गिरोह का पर्दाफाश
नकली मोबिल व लुब्रीकेंटस गिरोह का पर्दाफाश

संसू, संबलपुर : वाहनों में उपयोग होनेवाले मोबिल और लुब्रीकेंटस का नकली कारोबार करनेवाले गिरोह का धनुपाल पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार करने समेत इनके पास से कई नामी ब्रांड का नकली मोबिल और लुब्रीकेंटस जब्त किया है। इस रैकेट का मास्टर माइंड राउरकेला के गुरुद्वारा रोड का महेश अग्रवाल बताया गया है। जांच में पुलिस को पता चला है कि इस रैकेट के तार सुदूर कोलकाता तक फैले हैं।

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गुरुवार को धनुपाली थाना में पत्रकारों से बातचीत में पुलिस अधीक्षक संजीव अरोरा ने थानेदार कमल कुमार पंडा, स्पेशल स्क्वॉयड के सदस्य मो. जहांगीर की मौजूदगी में बताया कि संबलपुर में नकली मोबिल और लुब्रीकेंटस बनाने और बेचने की गुप्त सूचना मिलने के बाद जांच शुरू कर दी गई थी और इस रैकेट में संलिप्त चार आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर उनके पास से कुल 780 लीटर सर्वो, केस्ट्रॉल और हीरो मोबिल, लुब्रीकेंटस के खाली कैन, सी¨लग कैप, पेपर सील, ब्रांड स्टीकर्स, होलोग्राम, लुब्रीकेंटस डाय, जरीकेन आदि जब्त किया गया है।

बताया कि इस रैकेट की सूचना मिलने के बाद बुधवार को धनुपाली पुलिस और स्पेशल स्क्वॉयड ने सोनापाली के मो. याकूब उर्फ डिलू और मोतीझरन के खेतीपाड़ा के मो. मुन्नवर आलम के घर छापेमारी की। इनके घरों से कई ब्रांड का नकली मोबिल जब्त किया गया। इसके बाद सोनापाली के रजानगर निवासी मो. गौस के घर से भी नकली मोबिल, लुब्रीकेंटस, स्टीकर, होलोग्राम आदि जब्त हुआ। इन तीनों से पूछताछ में पता चला कि इस रैकेट का मास्टर माइंड राउरकेला का महेश अग्रवाल है। तब संबलपुर पुलिस की एक टीम राउरकेला गई और उसे पकड़कर यहां लायी। उसके पास से भी नकली मोबिल और लुब्रीकेंटस जब्त किया गया।

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आधे दाम पर दुकानदारों को बेचते थे : नकली मोबिल और लुब्रीकेंटस का गोरखधंधा करने के आरोप में गिरफ्तार आरोपितों ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि खुला मोबिल और लुब्रीकेंटस राउरकेला, राजगांगपुर और कोलकाता से संबलपुर लाकर उन्हें ब्रांडेड कंपनियों के स्टीकर लगाकर विभिन्न दुकानों पर आधी कीमत पर बेचा जाता था। नकली माल को असली दिखाने के लिए होलोग्राम भी लगाया जाता था। दुकानदार ग्राहक से पूरी कीमत वसूल कर नकली माल बेच देते थे। इससे उन्हें भी दोगुना मुनाफा होता था जबकि नकली मोबिल और लुब्रीकेंटस की वजह से वाहनों में कई तरह की खराबी आ जाती थी। पुलिस के अनुसार इस रैकेट में संलिप्त अन्य लोगों के बारे में भी जांच पड़ताल की जा रही है।


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