संबलपुर से वाजपेयी का 45 वर्ष का रिश्ता
अटल बिहारी वाजपेयी जी का संबलपुर से काफी पुराना रिश्ता रहा है वह यहां वर्ष 1973 में भारतीय जनसंघ की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे।
संबलपुर, जेएनएन। देश के अन्य प्रधानमंत्रियों की तरह अटल बिहारी वाजपेयी का भी संबलपुर से काफी पुराना रिश्ता रहा है। वह वर्ष 1973 में भारतीय जनसंघ की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने संबलपुर आए थे और दोबारा वर्ष 2000 में भाजपा के विधायक प्रत्याशी जयनारायण मिश्र व गठबंधन बीजद के सांसद प्रत्याशी प्रसन्न आचार्य के चुनाव के लिए यहां आए थे।
10 फरवरी 2000 के दिन स्थानीय काएंशिर मैदान में गठबंधन सरकार के सांसद प्रत्याशी प्रसन्न आचार्य और विधायक प्रत्याशी जयनारायण मिश्र के लिए चुनाव प्रचार करने पहुंचे तत्कालिन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की सभा में लाखों की भीड़ जुटी थी। इसी मैदान में कुछ वर्ष पहले तत्कालिन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी जनसभा को संबोधित किया था, लेकिन वाजपेई की सभा में अधिक भीड़ उमड़ी थी।
पश्चिम ओडिशा के विभिन्न स्थानों से आए नेता और कार्यकर्ताओं का सैलाब उमड़ पड़ा था। जानकारों की मानें तो ऐसी भीड़ पहले कभी नहीं उमड़ी थी। इसी सभा में वाजपेयी जी ने अपने चिरपरिचित अंदाज
में अपनी प्रसिद्ध कविता हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा सुनाकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया था। मंत्री विश्वभूषण हरिचंदन समेत सभाकार्य के संयोजक विपिन भाटिया विशेष रूप से उपस्थित रहे। इससे पूर्व वर्ष 1973 में वाजपेयी भारतीय जनसंघ के प्रांतीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में भी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल रहे। नारी सेवासदन में आयोजित इस कार्यक्रम में जनसंघ के कई नेता व कार्यकर्ता शामिल रहे।
अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से शोक में डूबा संबलपुर
देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के समाचार प्रचारित होते ही संबलपुर शोक में डूब गया। देर शाम तक विभिन्न स्थानों में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन कर अटलजी को लोगों ने याद किया। वरिष्ठ नेताओं और नागरिकों ने वाजपेयी के साथ जुड़े संस्मरण को ताजा किया तो कई लोगों ने वाजपेई के संबलपुर दौरे से जुड़ी यादों को ताजा किया।
संबलपुर जिला भाजपा की ओर से गोविंदटोला स्थित राणीसती मंदिर में शोकसभा का आयोजन किया गया। इस सभा में भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सुरेश पुजारी, जिला अध्यक्ष रामचंद्र मेहेर, महासचिव दामोदर कर, महिला मोर्चा की प्रदेश सचिव सविता नंद, सीमांचल खटेई, राजकुमार बड़पंडा, सूर्य पाणिग्राही, रतन अग्रवाल आदि उपस्थित थे। इसी तरह कचहरी रोड स्थित भाजपा कार्यालय में आयोजित शोकसभा में गिरिश पटेल, शरत साहू, कर्नल प्रभात पंडा, शिवकुमार अग्रवाल, समीर रंजन बाबू, विपिन भाटिया, मानस
बक्सी, फणीभूषण मिश्र, कृष्ण महाकुड़, वरदा माधव गुरु, गिरिजा साहू, कान्हुराम शर्मा, विक्रम जालान, विद्युत प्रभा जोशी, रुणु प्रधान, आदि उपस्थित रहे। इसके अलावा बड़ा बाजार के धोबीपाड़ा में भारत विकास परिषद शाखा की ओर से वाजपेयी के निधन पर शोक व्यक्त करने समेत श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
बीजद नेताओं ने भी जताया शोक
अटल बिहारी वाजपेयी जैसे देश के महान नेता व पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर बीजद के नेताओं ने भी शोक व्यक्त किया है। संबलपुर विधायक डॉ. रासेश्वरी पाणिग्राही ही अपने शोकवार्ता में वाजपेयी के निधन को देश के लिए अपूरणीय क्षति बताते हुए उनके कवि हृदय, प्रभावशाली वक्ता, दूरद्रष्टा राजनेता बताते हुए उनके आदर्श और राजनीति की सराहना की। उन्होंने यह भी स्वीकार किया वह वाजपेयी के आदर्श से काफी प्रभावित रही है। उनके निधन की खबर हृदयाविदारक है। इसी तरह संबलपुर सांसद नगेंद्र प्रधान और संबलपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष विजय महांती ने भी अपने शोकवार्ता वाजपेई को एक महान राष्ट्रवादी नेता बताते हुए उनके निधन पर गंभीर शोक व्यक्त किया है।