अपने धाम में विराजे जग के नाथ, बिन बाधा संपन्न हुई महाप्रभु की बहुड़ा यात्रा
शहर सहित आसपास के इलाकों में भगवान जगन्नाथ की बाहुड़ा यात्रा धूमधाम से संपन्न हुई। रिमझिम बारिश के बावजूद हर जगह श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी।
संबलपुर, जेएनएन। मौसी के घर एक सप्ताह गुजारने के बाद महाप्रभु श्रीजगन्नाथ, रविवार की शाम बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र के साथ रथ में सवार होकर अपने धाम लौट आए। सौभाग्य वश रविवार की शाम बारिश नहीं होने से सारी रीति नीति बगैर किसी परेशानी के संपन्न हुई और श्रीजगन्नाथ का दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ जुटी।
इससे पूर्व रविवार की सुबह जगन्नाथ संस्कृति के तहत झाडुआपाड़ा के ब्रह्मपुरा मंदिर में परंपरानुसार पूजा अर्चना करने के बाद अपराह्न में श्रीजगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र को रथ में चढ़ाया गया और फिर रथ खींचा गया। इसी तरह दधिवाहन, हुतापाड़ा, सत्यवादी, मदनमोहन, बारिहा, मोदीपाड़ा आदि मंदिर से बाहुड़ा यात्रा निकाली गई जो मुख्य डाकघर के सामने पहुंचकर कुछ देर रुकी और फिर वहां से नगर परिक्रमा करते हुए अपने अपने मंदिरों में पहुंची।
शहर में निर्माणाधीन फ्लाईओवर की वजह से कुछ रथों का मार्ग परिवर्तन किया गया। लियाखाई, टिमिनीगुड़ी, कोठा जगन्नाथ, राधा मदन गोपाल मंदिर, खेतराजपुर के जगन्नाथ मंदिर में भी बाहुड़ा यात्रा आयोजित रही। धनुपाली स्थित गोपालजी मठ में भी बाहुड़ा यात्रा निकाली गई। र्गोंवदटोला स्थित मौसी मां
मंदिर में रीति नीति संपन्न होने के बाद बाहुड़ा यात्रा निकाली गई।
रिमझिम बारिश के बीच अपने धाम लौटे महाप्रभु
शहर सहित आसपास के इलाकों में भगवान जगन्नाथ की बाहुड़ा यात्रा धूमधाम से संपन्न हुई। रिमझिम बारिश के बावजूद हर जगह श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी। नगर के बस स्टैंड स्थित गुंडिचा मंदिर से रविवार शाम को जगन्नाथ मंदिर ट्रस्ट बोर्ड अध्यक्ष हरिहर परिडा द्वारा छेरा पंहरा की रस्म निभाने के बाद बाहुड़ा यात्रा शुरू हुई और तीन कोनिया चौक थाना रोड होते हुए जगन्नाथ मंदिर पहुंचकर समाप्त हुई। इसी तरह गांधी चौक में रथयात्रा कमेटी अध्यक्ष मणिराम सिंह एवं राजपुर में गिरीश साय ने छेरा पंहरा की रस्म निभाई। सदर थाना प्रभारी निरीक्षक विश्वमित्र हरिपाल के नेतृत्व में सभी जगहों पर सुरक्षा की
पुख्ता व्यवस्था की गई थी। कई जगहों पर लोगों ने सेवा शिविर भी लगाया।