शहर के शिवालयों में सादगी पूर्ण हुआ भगवान शिव व माता पार्वती का विवाह
ोरोना काल में संबलपुर के करीब चार सौ वर्ष पुरानी भगवान शिव और जगत जननी माता पार्वती के अलौकिक विवाह की परंपरा इस बार टूट सी गयी। इस विवाह के बाद देव दंपती को भव्य शोभायात्रा के साथ नगर परिक्रमा के बाद मंदिर प्रवेश कराया जाता था लेकिन कोरोना काल में लागू लॉकडाउन को देखते हुए इस बार शोभायात्रा नहीं निकाली गयी।
संवाद सूत्र, संबलपुर : कोरोना काल में संबलपुर के करीब चार सौ वर्ष पुरानी भगवान शिव और जगत जननी माता पार्वती के अलौकिक विवाह की परंपरा इस बार टूट सी गयी। इस विवाह के बाद देव दंपती को भव्य शोभायात्रा के साथ नगर परिक्रमा के बाद मंदिर प्रवेश कराया जाता था, लेकिन कोरोना काल में लागू लॉकडाउन को देखते हुए इस बार शोभायात्रा नहीं निकाली गयी। यात्रा आयोजन कमेटियों की ओर से इसके लिए जिला प्रशासन से अनुमति मांगी गयी थी, लेकिन अनुमति नहीं मिलने से मंदिर परिसर में ही माता पार्वती की विदाई और भगवान शिव के साथ उनके युगल दर्शन की व्यवस्था की गई। गौरतलब है कि देव दंपती की इस युगल दर्शन के लिए देश-प्रदेश के लाखों श्रद्धालु और भव्य शोभायात्रा में भी देश-प्रदेश के हजारों कलाकार शामिल होते थे।
नंदपाड़ा में बम बराड़ बालुंकेश्वर बाबा मंदिर परिसर में बालुंकेश्वर बाबा और माता पार्वती के युगल दर्शन के लिए यात्रा कमेटी की ओर से शुक्रवार के दिन व्यवस्था की गयी। युगल दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को शारीरिक दूरी और हैंड सैनिटाइजर के साथ अंदर प्रवेश करने और युगल दर्शन करने का अवसर मिला। इसी तरह, झारुआपाड़ा के लोकनाथ बाबा मंदिर में भी शारीरिक दूरी के नियमों के तहत श्रद्धालुओं को दर्शन कराया गया। मोदीपाड़ा स्थित जागेश्वर बाबा मंदिर में बरगढ़ सांसद सुरेश पुजारी समेत संबलपुर की पूर्व विधायक डॉ. रासेश्वरी पाणिग्राही ने यात्रा कमेटी के सदस्यों के साथ मिलकर देव दंपती की महाआरती और दर्शन किया। बड़ाबाजार के शीतलेश्वर बाबा और माता पार्वती, ठाकुरपाड़ा के गुप्तेश्वर बाबा और माता पार्वती, दुर्गापाली के गुड़ेश्वर बाबा और माता पार्वती, बालीबंधा के सोमनाथ बाबा और माता पार्वती, कुंभार पाड़ा के चंद्रशेखर बाबा और माता पार्वती, मानेश्वर के माधाता बाबा और माता पार्वती समेत भतरा के सप्नेश्वर बाबा और माता पार्वती का युगल दर्शन भी उनके मंदिरों में हुआ।