प्यार की इतनी सजा कि ‘इतिनी’ को नहीं मिला अपनों का कंधा
15 साल पूर्व दूसरी जाति के युवक से प्रेम विवाह करने से इतिनी के परिजन नाराज थे।
संबलपुर, जेएनएन। परिवारवालों की मर्जी के खिलाफ दूसरी जाति के व्यक्ति से विवाह करने वाली इतिनी किसकू को उसकी मौत के बाद उपने परिजनों का कंधा तक नहीं मिला। स्वेच्छासेवी संगठन संबल को इसकी जानकारी होने के बाद संगठन के कार्यकर्ताओं ने मृतक के घर पहुंचकर उसके शव को स्वर्गद्वार लाकर अंतिम संस्कार किया। मृत महिला के एक मात्र पुत्र शिवाशीष (13) ने मुखाग्नि दी।
सूचना के अनुसार कुंजेलपाड़ा में इतिनी ने करीब 15 साल पूर्व एक अलग जाति के व्यक्ति से प्रेम विवाह कर लिया था। जिससे उसके परिजन नाराज थे। उसका पति रामचंद्र किसकू रेलवे में नौकरी करता था। जिसकी कुछ साल पूर्व मौत हो चुकी है। पति रामचंद्र की मौत के बाद भी इतनी के परिवारवालों ने उससे कोई संबंध नहीं रखा।
ऐसे में इतिनी अपने बेटे के साथ कुंजेलपाड़ा के एक टूटे घर में असहाय हालत में जीवन गुजार रही थी। संभवत: रविवार के दिन इतिनी की मौत हो गयी थी। सोमवार दोपहर तक जब किसी ने भी उसका शव नहीं
उठाया तब यह खबर संबल संगठन के कार्यकर्ताओं तक पहुंची। उन्होंने इतिनी के अंतिम संस्कार का जिम्मा उठाया। रामचंद्र और इतिनी की मौत के बाद उनका बेटा अब बेसहारा और अकेला हो गया।
शिवाशीष के लिए संबल ने प्रशासन से मांगी सहायता
इतनी की मौत के बाद अनाथ हुए शिवाशीष को अब सहारे की जरुरत है। अपनों से उसे किसी तरह की कोई उम्मीद भी नहीं है। ऐसे में स्वेच्छासेवी संगठन संबल ने जिला प्रशासन से अनाथ शिवाशीष के लिए व्यवस्था करने की मांग की है। 13 वर्षीय शिवाशीष की पढ़ाई-लिखाई व जीवन यापन के लिए अब कोई भी नहीं है। परिजनों के हाथ खींच लेने के बाद वह खुद को बेसहारा महसूस कर रहा है।