बाघ का शिकार करने में चार गिरफ्तार
एक सप्ताह पहले जब डेब्रीगढ़ संरक्षित वनांचल के खजूरिया-दामोदरपाड़ा
जागरण संवाददाता, संबलपुर : एक सप्ताह पहले जब डेब्रीगढ़ संरक्षित वनांचल के खजूरिया-दामोदरपाड़ा के बीच जंगल में दफनाए गए एक पशु का सड़ा गला शव बरामद किया गया था। तब बरगढ़ वन विभाग ने उसे किसी बीमार तेंदुआ का शव बताया था। लेकिन अब इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है। उक्त शव महाबल यानि रॉयल बंगाल टाइगर (बाघ) का बताया जा रहा है। इस मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। फिलहाल महाबल (बाघ) का शिकार करने में चार आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। इस बीच नागपुर और बेंगलुरु से जांच टीम बरगढ़ पहुंच गई है। क्राइम ब्रांच की टीम भी छानबीन में जुटी है।
संबलपुर-बरगढ़ सीमांत पर स्थित प्रसिद्ध डेब्रीगढ़ संरक्षित वनांचल में अक्टूबर माह में पहली बार एक महाबल (बाघ) देखा गया था। जिसके कुछ दिन बाद शिकारियों ने उसे मार डाला था। वन विभाग के आरसीसीएफ ओपी सिंह ने स्पष्ट किया है कि गिरफ्तार आरोपितों के पास से जब्त मूंछ के बाल और नाखून महाबल के ही हैं। आरोपितों ने भी अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है कि उन्होंने ही महाबल का शिकार किया था। उधर, बरगढ़ डीएफओ अजय दलेई ने बताया कि जंगल के जिस स्थान से शव मिला था उसका नमूना जांच के लिए देहरादून और बेंगलुरु भेजा गया है। वहां से रिपोर्ट मिलने के बाद मामला स्पष्ट हो सकेगा।
उधर, रविवार की शाम राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के दो सदस्य बरगढ़ पहुंच गए और सोमवार से जांच पड़ताल शुरू कर दी। खबर है कि क्राइम ब्रांच की टीम भी मामले की जांच पड़ताल के लिए बरगढ़ पहुंचने वाली है। आरोपी शिकारियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि 13 अक्टूबर को उन्होंने जंगली सूअर का शिकार करने के लिए फंदा लगाया था, जिसमें महाबल (बाघ) फंस गया था। अगली सुबह जब उन्होंने महाबल कोफंदे में फंसा देखा तो उसकी मूंछ के बाल और नाखून के लिए हत्या कर दी और शव को जंगल में दफना दिया। आरोपितों के पास से कुल्हाड़ी, महाबल का पंजा व मूंछ के बाल जब्त किए गए हैं। इन सबके खिलाफ वन्य प्राणी सुरक्षा अधिनियिम 1972 के तहत विभिन्न धाराओं में अपराध दर्ज किया गया है।
गिरफ्तार किए गए आरोपित
- सत्यवान साहू, खजूरिया गांव, बरगढ़।
- सुशील कुमार भुए, खजूरिया गांव, बरगढ़।
- गौरी मिर्धा, कुड़ापाड़ा, बरगढ़।
- जाकरिया टुडू, मुंडापाड़ा, बरगढ़।