दो करोड़ की जालसाजी में सिडिकेट बैंक के दो अधिकारी गिरफ्तार
करीब दो करोड़ रुपये की जालसाजी के आरोप में सिडिकेट बैंक के दो अधिकारियों को भुवनेश्वर से आयी आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ की टीम ने बुर्ला से गिरफ्तार कर अपने साथ ले गयी है।
संवाद सूत्र, संबलपुर : करीब दो करोड़ रुपये की जालसाजी के आरोप में सिडिकेट बैंक के दो अधिकारियों को भुवनेश्वर से आयी आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (क्राइमब्रांच) की टीम ने बुर्ला से गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई है। भुवनेश्वर ले जाने से पहले दोनों अधिकारियों को एसडीजेएम, संबलपुर की अदालत में हाजिर किया गया।
क्राइमब्रांच की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, बुधवार को संबलपुर जिला के बुर्ला से सिडिकेट बैंक शाखा के पूर्व प्रबंधक सुभाषचंद्र दास और सहायक प्रबंधक मरियानौस लकड़ा को वर्ष 2014-2016 के दौरान एक करोड़ 96 लाख रुपये की जालसाजी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
बताया गया है कि भुवनेश्वर स्थित बैंक के आंचलिक प्रबंधक चंद्रकांत दास महापात्र ने 6 नवंबर 2019 को इस जालसाजी की शिकायत दर्ज करायी थी। बताया गया था कि वर्ष 2014 से 2016 के दौरान जब बुर्ला स्थित सिडिकेट बैंक शाखा में सुभाषचंद्र दास प्रबंधक और मरियानौस लकड़ा सहायक प्रबंधक थे। तब सिडिकेट किसान कार्ड के जरिये 196 लोगों को एक-एक लाख का कृषि ऋण दिया था। इसके लिए दस्तावेजों में बड़े पैमाने पर जालसाजी की गयी थी। ऋण लेने वाले कथित किसानों ने वर्षो बाद भी ऋण नहीं चुकाया। इस जालसाजी का पता चलने के बाद बैंक की ओर से शिकायत दर्ज करायी गई थी।
इस शिकायत के बाद क्राइमब्रांच की ओर से जांच शुरू की गई और दोनों बैंक अधिकारियों के खिलाफ जालसाजी का सबूत मिला। इसी आधार पर बुधवार को बुर्ला पहुंचकर दोनों को भादंवि की धारा- 419, 420, 467, 468, 471, 409 और 120 बी के तहत गिरफ्तार कर अपने साथ ले गयी।