.. ताकि प्यासा न चला जाए शहर आया कोई राहगीर
पश्चिम ओडिशा की युवा पीढ़ी भी बुजुर्गो से मिली सद्भाव की विरासत को आगे बढ़ाने जुटी है।
संबलपुर, राधेश्याम वर्मा। पश्चिम ओडिशा का प्राण केंद्र संबलपुर तमाम धरोहरों के साथ-साथ अपने सद्भाव के लिए भी जगजाहिर है। बात कला-संस्कृति की हो या फिर मानवीय संवेदनाओं की, शहरवासियों ने समय-समय पर हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है। वर्तमान में शहर की युवा पीढ़ी भी बुजुर्गो से मिली सद्भाव की विरासत को आगे बढ़ाने जुटी है। सामाजिक संगठन युवा सभा के बैनर तले करीब दो सौ युवा आजकल प्यासों की प्यास बुझाने शहर के विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर शीतल पेयजल मशीन लगाने में जुटे हैं, वह भी अपने खर्च पर।
इन युवाओं का कहना है कि शहर के सार्वजनिक स्थलों पर पेयजल मशीन होने से हर कोई अपनी प्यास बुझा सकेगा। पेयजल मशीन लगाने के बाद इसकी देखरेख का जिम्मा लोगों को सौंपने समेत किसी तरह की गड़बड़ी होने पर तत्काल मरम्मत कराने का भरोसा दिया गया है। कॉलेज के जमाने में बनाया संगठन युवा सभा के वरिष्ठ सदस्य तथा युवा नेता सतीश कुमार बिसी ने बताया कि कॉलेज के समय में ही कुछ सहपाठियों ने मिलकर युवा सभा का गठन कर समाजसेवा शुरू की थी।
इससे प्रभावित होकर अन्य युवा भी इसमें शामिल होते गए और अब यह संख्या 200 से अधिक हो चुकी है। बिसी ने पेयजल मशीन लगाने के लिए दी गई जगहों के लिए महानगर निगम, जिलाधीश व विधायक के प्रति आभार व्यक्त किया है। मशीन के लिए सब खुद देते चंदा युवा सभा से जुड़े सभी सदस्य न सिर्फ समाजसेवा के कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं बल्कि संसाधन जुटाने के लिए खुद चंदा भी देते हैं। इसी परिणाम है कि संगठन की ओर से अब तक कई जगह पेयजल मशीन लगायी जा चुकी है और लोगों को शुद्ध उपलब्ध हो रहा है।
इन जगहों पर लगायी पेयजल मशीन युवा सभा के सदस्य सतीश कुमार बिसी के अनुसार, अब तक संगठन की ओर से मां समलेश्वरी मंदिर के निकट, महांतीपाड़ा स्थित चित्रगुप्त चौक, जेल चौक में पेयजल मशीन लगायी जा चुकी है। आगे धनुपाली चौक, बुढाराजा व उप-नगर बुर्ला में भी मशीन लगेगी। अस्थि रखने के लिए बॉक्स भी युवाओं की यह टोली लोगों को पेयजल के साथ-साथ स्थानीय कमलीबाजार स्थित श्मशान घाट में अस्थि रखने के लिए बॉक्स की भी व्यवस्था कर रही है। इन युवाओं का कहना है कि किसी वजह से समय पर अस्थि विसर्जित करने में असमर्थ परिवार इस बाक्स में अस्थि रख सकेंगे तथा अपनी सुविधानुसार बाद में अस्थि विसर्जन कर सकते हैं।