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डबल बंद से बेहाल रहे संबलपुरवासी

हाइवे उपयोगकर्ता मंच और आदिवासी दलित सेना ने बंद को शांतिपूर्ण बताने समेत इस बंद का समर्थन करने वाले संबलपुरवासियों के प्रति आभार व्यक्त किया है।

By BabitaEdited By: Published: Tue, 03 Apr 2018 02:44 PM (IST)Updated: Tue, 03 Apr 2018 02:44 PM (IST)
डबल बंद से बेहाल रहे संबलपुरवासी

संबलपुर, जेएनएन। संबलपुरवासी सोमवार को डबल बंद से बेहाल रहे। एक तरफ जहां संबलपुर जिला हाइवे उपयोगकर्ता मंच ने बीजू एक्सप्रेस वे पर टोल टैक्स वसूली के खिलाफ बारह घंटे का संबलपुर बंद रखा वहीं अनुसूचित जातिअनुसूचित जनजाति उत्पीडऩ कानून में सुप्रीमकोर्ट द्वारा दिए गए संशोधन निर्देश के खिलाफ संबलपुर जिला आदिवासी दलित सेना ने भारत बंद का समर्थन करते हुए जिला बंद रखा। इस बंद को देखते हुए पुलिस की ओर से एक्सप्रेस वे पर स्थित नुंआखुरिगां टोल प्लाजा समेत जिले के विभिन्न स्थानों पर पुलिस बल किसी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए मुस्तैद रहा। खबर लिखे जाने तक कहीं से कोई बड़ी गड़बड़ी की खबर नहीं मिली है। 

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हाइवे उपयोगकर्ता मंच और आदिवासी दलित सेना ने बंद को शांतिपूर्ण बताने समेत इस बंद का समर्थन करनेवाले संबलपुरवासियों के प्रति आभार व्यक्त किया है। टोल टैक्स वसूली के विरोध में संबलपुर बंद के दौरान हाइवे उपयोगकर्ता मंच की ओर से रेंगाली, मानेश्वर, गौडपाली, रेमेड़, अइंठापाली, सिंदूरपंक, धनुपाली चौक में पथावरोध करने समेत विभिन्न सरकारी-गैरसरकारी कार्यालय, दुकान-बाजार, अदालत आदि बंद कराया गया। इस दौरान अतिआवश्यक सेवाओं, स्कूल कॉलेज के वाहनों, बारात वाहन, एंबुलेंस को बंद के दायरे से बाहर रखा गया था। इस बंद में संबलपुर ट्रक मालिक संघ के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह, महासचिव रविंद्र कुंअर, जिला वकील

संघ के अध्यक्ष अतनु घोष, मंच के भागवत प्रसाद नंद, सत्यनारायण पंडा, अरविंद नायक, प्रदीप बहिदार, संबलपुर विकास मंच के देवाशीष पुरोहित, सुरेखा साहू, सपन मिश्र समेत सैकड़ों

शामिल रहे।

इसी तरह, जिला आदिवासी दलित सेना की ओर से संबलपुर स्टेशन में संबलपुर पुरी इंटरसिटी और संबलपुर रायगड़ा इंटरसिटी ट्रेन को एक घंटे तक रोके रखने समेत सेना के कार्यकर्ताओं ने बाइक रैली के साथ शहर परिक्रमा कर दुकान बाजार बंद कराया। सेना के अध्यक्ष प्रशांत हाओ समेत सुवेश मुंडा, श्यामसुंदर मुंडा के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ता विभिन्न स्थानों में प्रदर्शन कर सुप्रीमकोर्ट के निर्देश का विरोध किया और संशोधन के प्रस्ताव को आदिवासी, दलित विरोधी बताया। इस बंद की वजह से शाम छह बजे तक संबलपुर में आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा। 


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