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जलसंकट को लेकर जनस्वास्थ्य कार्यालय का घेराव

भीषण गर्मी के बीच जलसंकट की समस्या को लेकर बुधवार को संबलपुर जिला भाजपा की ओर से जनस्वास्थ्य विभाग के संबलपुर सर्किल के अधीक्षण अभियंता कार्यालय का घेराव करने समेत विभागीय निष्क्रियता और गैर जिम्मेदाराना रवैये पर खरीखरी सुनाया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 06:22 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 06:12 AM (IST)
जलसंकट को लेकर जनस्वास्थ्य कार्यालय का घेराव
जलसंकट को लेकर जनस्वास्थ्य कार्यालय का घेराव

संवाद सूत्र, संबलपुर : भीषण गर्मी के बीच जलसंकट की समस्या को लेकर बुधवार को संबलपुर जिला भाजपा की ओर से जनस्वास्थ्य विभाग के संबलपुर सर्किल के अधीक्षण अभियंता कार्यालय का घेराव करने समेत विभागीय निष्क्रियता और गैर जिम्मेदाराना रवैये पर खरीखरी सुनाया गया। भाजपा ने अफसोस जताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से अमृत योजना के तहत दिए गए करोड़ों रुपये और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा पुराने पाइप बदलने को लेकर 100 करोड़ रुपये की घोषणा का कोई लाभ संबलपुर के लोगों को नहीं मिल रहा है। यह सब जनस्वास्थ्य विभाग की निष्क्रियता और संवेदनहीनता की वजह से हो रहा है और लोगों को पानी जैसी मौलिक आवश्यकता से वंचित होना पड़ रहा है।

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बुधवार को जिला भाजपा अध्यक्ष गिरीश पटेल के नेतृत्व में महासचिव अनिल बेहेरा, मीडिया संयोजक मानस बक्शी, महिला मोर्चा अध्यक्ष आरतीलता बराड के नेतृत्व में दलीय कार्यकर्ताओं ने जनस्वास्थ्य विभाग के संबलपुर सर्किल कार्यालय का घेराव करने समेत अधीक्षण अभियंता इंजीनियर भाग्यधर महांती से जलसंकट की स्थिति पर चर्चा करने समेत उन्हें इस आशय का ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में भाजपा की ओर से बताया गया है कि महानदी पर निíमत हीराकुद बांध का उद्देश्य बाढ़ नियंत्रण, बिजली उत्पादन, सिचाई और जलापूíत का था, लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा। हीराकुद बांध की तलहटी में बसे पश्चिम ओडिशा के प्राणकेंद्र संबलपुर में जल और बिजली संकट गहरा गयी है। जल ही जीवन है। जल के बिना जीवन संभव नहीं। बावजूद इसके जनस्वास्थ्य विभाग इसकी अनदेखी कर रहा है। भीषण गर्मी से परेशान लोगों के घरों तक पाइप का पानी नहीं पहुंच रहा। यही हाल स्टैंड पोस्ट और नलकूपों का है। वर्ष 2014- 15 में जलसंकट के दौरान दूषित जल से संबलपुर में पीलिया रोग फैल गया था, जिससे शताधिक लोगों की मौत हुई थी और हजारों पीड़ित हुए थे। तब दिखावे की खातिर कुछ स्थानों पर पुराने पाइप लाइन को ठीक किया गया था। इसके बाद मुख्यमंत्री पटनायक ने पाइप बदले जाने के लिए 100 करोड़ रुपये की घोषणा की थी, लेकिन अबतक शहर के अधिकांश इलाकों में नया पाइप नहीं लगाया गया है। संबलपुर में पिछले कई वर्षों से जलसंकट की स्थिति है, जिसका स्थायी समाधान अबतक नहीं हो सका है। अगर यही हाल रहा तो लोग सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे और इसके लिए जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और सरकार जिम्मेदार होगी। बताया गया है कि भाजपा के इस चेतावनी के बाद अधीक्षण अभियंता ने अगले कुछ दिनों में समाधान का आश्वासन दिया है।


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