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संबलपुर और रेंगाली के विधायक के खिलाफ केस

पश्चिम ओडिशा में चरमराई स्वास्थ्य सेवा की शिकायत को लेकर जिलाधीश के मार्फत मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने साथी विधायक और समर्थकों के साथ कार्यालय पहुंचे भाजपा विधायक जयनारायण मिश्र एक बार फिर सुर्खियों में हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 02:30 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2020 02:30 AM (IST)
संबलपुर और रेंगाली के विधायक के खिलाफ केस
संबलपुर और रेंगाली के विधायक के खिलाफ केस

संवाद सूत्र, संबलपुर : पश्चिम ओडिशा में चरमराई स्वास्थ्य सेवा की शिकायत को लेकर जिलाधीश के मार्फत मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने साथी विधायक और समर्थकों के साथ कार्यालय पहुंचे भाजपा विधायक जयनारायण मिश्र एक बार फिर सुर्खियों में हैं। मंगलवार की रात, संबलपुर पुलिस ने उनके और रेंगाली विधायक नाऊरी नायक समेत उनके समर्थकों के खिलाफ कोविड दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने समेत कार्यरत सरकारी अधिकारियों से दु‌र्व्यवहार और गालीगलौज करने का मामला दर्ज कर घटना की जांच शुरु कर दी है। इधर, अपने साथ समर्थकों के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज रिपोर्ट के बाद विधायक मिश्र ने बुधवार को भाजपा कार्यालय में मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रशासन अगर कोरोना संक्रमण और इसके इलाज को लेकर पहले से सजग रहता तो जिले में संक्रमण की ऐसी स्थिति नहीं पैदा होती। भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री के नाम इसी की शिकायत करते हुए मंगलवार को जिलाधीश को ज्ञापन सौपने कार्यकर्ता जिलाधीश कार्यालय गए थे।

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विधायक ने बताया कि लोगों की समस्या को लेकर जब वह जिलाधीश कार्यालय पहुंचे तब उन्हें कार्यालय में जाने से रोका गया। इसी को लेकर हंगामा हुआ था और भाजपा समर्थक कार्यालय में घुसे थे। बाद में उनके खिलाफ झूठा आरोप लगते हुए रिपोर्ट दर्ज की गई है। कोरोना काल में जिला प्रशासन पूरी तरह निष्क्रिय रहा। प्रशासनिक अधिकारी लोगों की समस्या को पूरी तरह नजर अंदाज कर मनमानी करते रहे। जनप्रतिनिधि के रूप में जब लोगों की समस्याओं के बारे में जिला प्रशासन को अवगत कराने गए तब उन्हें झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है।

वहीं इस घटना के बाद लोगों में मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली है। लोगों ने अफसोस जताया है कि कोरोना काल में जिला प्रशासन के साथ निर्वाचित प्रतिनिधि भी नजर नहीं आए। संबलपुर सांसद तो लॉकडाउन से पहले से नजर नहीं आ रहे। अगर, जनप्रतिनिधि पहले से जिला प्रशासन पर दबाव बनाते तो हालात ऐसे नहीं होते। अब जब कोरोना का ़खतरा बढ़ गया है तब जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि आपस में भिड़ने की कोशिश में हैं।


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