हीट स्ट्रोक को लेकर संबलपुर में आरेंज वार्निग
पिछले कुछ दिनों से सूबे में बढ़ते तापमान और मौसम विभाग द्वारा संबलपुर समेत अन्य कई जिलों के लिए आरेंज वार्निग जारी की गई है।
संवाद सूत्र, संबलपुर : पिछले कुछ दिनों से सूबे में बढ़ते तापमान और मौसम विभाग द्वारा संबलपुर समेत अन्य कई जिलों के लिए आरेंज वार्निग जारी की गई है। इसके मद्देनजर मंगलवार को संबलपुर जिलाधीश कार्यालय में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। बैठक में जनस्वास्थ्य विभाग, महानगर निगम, ग्रामीण जलापूíत व परिमल विभाग और बिजली वितरण कंपनी वेस्को के वरिष्ठ अधिकारियों समेत जिला प्रशासन और अन्य कई विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। इस बैठक में हीट स्ट्रोक से बचाव को लेकर चर्चा करने समेत उचित व्यवस्था किए जाने पर जोर दिया गया। अफसोस तो इस बात को लेकर है कि इस उच्चस्तरीय बैठक के बाद भी शहर के कई इलाकों में जलापूíत बाधित रही और रात के समय घंटों बिजली गुल रही। इसे लेकर लोगों में असंतोष बढ़ने लगा है, लेकिन विभागीय अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंग रही।
जिलाधीश शुभम सक्सेना की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में मौसम विभाग द्वारा संबलपुर जिला के लिए जारी आरेंज वार्निग को लेकर चर्चा करने समेत जिला के समस्त ब्लॉक में प्याऊ लगाने, भीषण गर्मी को देखते हुए पूर्वान्ह 11 बजे से लेकर अपराह्न के 3 बजे तक मजदूरों से काम नहीं कराने, अग्निशमन विभाग को अपनी पूरी व्यवस्था के साथ तैयार रहने, जिला के समस्त महत्वपूर्ण अस्पतालों में वातानुकूलित कक्ष और हीट स्ट्रोक के इलाज की व्यवस्था करने, मवेशियों और गृहपालित पशुओं को बाहर नहीं निकलने देने पर नजर रखने आदि का निर्देश दिया गया। बैठक में एडीएम सूर्यनारायण दास, जिला ग्रामीण विकास संस्था के परियोजना निदेशक सुकांत त्रिपाठी, महानगर निगम की आयुक्त युगकेशरी दास, वेस्को के निर्वाही अभियंता संजीत नायक, जनस्वास्थ्य विभाग के निर्वाही व ग्रामीण जलापूíत व परिमल विभाग के अधिकारी, जिला मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला पशुधन चिकित्साधिकारी, अग्निशमन केंद्र के अधिकारी उपस्थित रहे।
गौरतलब है कि 25 मई से प्रसिद्ध शीतलषष्ठी यात्रा का अंतिम चरण शुरू हो गया है। लॉकडाउन के दिशानिर्देशों के तहत इसका आयोजन सादगी के साथ किया जा रहा है। ऐसे में इस यात्रा को देखने के लिए जमने वाली लाखों की भीड़ भी इस बार नहीं जुटी है। बावजूद इसके, इस यात्रा के दौरान जब तब बिजली कटौती की जा रही है और जलापूíत भी बाधित हो रही है। महानगर निगम क्षेत्र के कई इलाकों में कचरे का ढेर जमा है। शहर के विभिन्न स्थानों में नेता-मंत्रियों द्वारा उद्घाटित लाखों की लागत के अमृतधारा खराब पड़े हैं। होटल आदि बंद रहने से लोगों को प्यास बुझाने के लिए भटकना पड़ रहा है।