देश को आजादी दिलाने वाली भाषा हिदी कमजोर नहीं : डॉ. शर्मा
देश को गुलामी की जंजीर से आ•ादी दिलाने वाली हिदी भाषा कमजोर नहीं । जो भाषा देश को आजादी दिला सकती है । उसे कमजोर आंकना उचित नहीं ।
संसू, संबलपुर : देश को गुलामी की जंजीर से आजादी दिलाने वाली हिदी भाषा कमजोर नहीं। जो भाषा देश को आजादी दिला सकती है। उसे कमजोर आंकना उचित नहीं। यह बात गंगाधर मेहेर विश्वविद्यालय में हिदी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि संबलपुर विश्वविद्यालय हिदी विभाग के संयोजक डॉ. मुरारीलाल शर्मा ने कही।
डॉ. शर्मा ने कहा कि भाषा के लिए भूख होनी चाहिए तभी भाषा का विकास होगा। उन्होंने आज के साहित्य में बदलाव की जरूरत पर जोर दिया ताकि हिदी भाषा और आगे बढ़े। कहा कि हिदी की गुणवत्ता बढ़ी है और प्रयोग भी बढ़ा है। इसे और आगे बढ़ाए जाने की जरूरत है।
मुख्य वक्ता सेवानिवृत्त हिदी अधिकारी तथा हिदी साहित्य साधक सुब्रत दे ने कहा कि हिदी जन-जन की भाषा है। जो मातृभाषा में बोलता है वह ज्ञानी होता है। क्योंकि उसमें मन के विचार पूरी तरह उभरकर सामने आते हैं। उन्होंने कहा कि राजभाषा के विकास के नाम पर सरकार की ओर से करोड़ों खर्च होते हैं। लेकिन उसी स्तर पर काम नहीं हो रहा है इसके लिए व्यक्तिगत स्तर पर सभी को हिदी की सेवा करने का आह्वान किया। सम्मानित अतिथि बरगढ़ पंचायत महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. कमल प्रभा कपानी ने कहा कि जो सम्मान तथा स्थान आज हिदी को मिला है उसे हमारे साहित्यकारों, पत्रकारों तथा अनुवादकों ने दिया है। इसलिए हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम हिदी को इतना ऊपर ले जाएं कि वह जन-जन की भाषा बन जाए। अध्यक्षीय भाषण में हिदी विभागाध्यक्ष डॉ. सदन कुमार पॉल ने कहा कि हिदी को राजभाषा बनाने के लिए गैर हिदी भाषियों का योगदान सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि योग्यता बनाने की चीज नहीं है। जिसका जो अधिकार है उसे उसका अधिकार जरूर मिलेगा। हिदी में ऐसा सामर्थ्य है कि वह राजभाषा , राष्ट्रभाषा एवं संपर्क भाषा बनने के योग्य है। उप कुलसचिव उमाचरण पति ने कहा कि साल भर पहले ही विश्वविद्यालय में हिदी स्नातकोत्तर, एमफिल एवं पीएचडी पाठ्यक्रम शुरू किया गया था जिसने कम समय में अच्छा प्रदर्शन कर खुद को साबित कर दिया है। कुलसचिव गिरीशचंद्र सिंह ने हिदी को बेहद सरल भाषा बताया। कहा कि इसे आसानी से समझा और सीखा जा सकता है। सचिव डॉ. ज्योति मिश्र के विषय प्रवेश शुरू इस कार्यक्रम का डॉ. दाशरथी बेहरा, डॉ. प्रणति बेहरा, नूतन शतपथी, जतिन द्वारी , भारती रानी, विकास पंडा, मोनिका क्षेत्री , स्थितप्रभा पुरोहित ने संचालन किया। सभा के बाद हिदी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें नवोदित तथा पुराने कवियों द्वारा देश भक्ति, सामयिक स्थिति, श्रूंगार, नारी, मांग सामाजिक स्थिति पर कविता पाठ किया।