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बयालिस महीने बाद भी फ्लाई ओवर अधूरा

संबलपुर में निर्माणाधीन प्रथम फ्लाईओवर का काम धीमी गति से चल रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Sep 2019 10:12 PM (IST)Updated: Sun, 08 Sep 2019 06:38 AM (IST)
बयालिस महीने बाद भी फ्लाई ओवर अधूरा
बयालिस महीने बाद भी फ्लाई ओवर अधूरा

राधेश्याम वर्मा, संबलपुर : नगर में निर्माणाधीन प्रथम फ्लाईओवर आज भी अधूरा है। शहर में ट्रैफिक समस्या को देखते हुए वर्ष 2013 में फ्लाईओवर निर्माण का निर्णय लिया गया था, तब लोगों ने पुराने संबलपुर शहर के मुख्यमार्ग में इसके निर्माण का विरोध करते हुए ब्रिज के बजाय सड़क के दोनों किनारों को चौड़ा किये जाने का सुझाव दिया था। लेकिन शासन-प्रशासन अपनी जिद पर अड़ा रहा और 29 जनवरी 2014 को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इस फ्लाईओवर समेत महानदी पर द्वितीय सेतु लिए शिलान्यास कर दिया। महानदी पर द्वितीय सेतु इसी वर्ष फरवरी में लोकार्पित किया जा चुका है, जबकि फ्लाईओवर अबतक अधूरा है। इसके निर्माण का ठेका भुवनेश्वर के पंडा इन्फ्रा प्रोजेक्ट को सौंपा गया। पहले 62 करोड़ रुपये की लागत से धुतुरापाड़ा चौक से मुख्य डाकघर तक 1540 मीटर लंबे फ्लाईओवर निर्माण की योजना थी, बाद में इसकी लागत बढ़ाकर 90 करोड़ करने समेत लंबाई 1880 मीटर कर नेल्सन मंडेला चौक तक बढ़ा दिया गया। ऊंचाई भी 6.5 मीटर से बढ़ाकर 11 मीटर कर दिया गया। फ्लाईओवर का निर्माण कार्य 15 महीनों में पूरा होना था, लेकिन अफसोस कि 42 महीने बीत जाने के बाद भी यह अधूरा है। 12 फरवरी 2016 को जब फ्लाईओवर का निर्माणकार्य शुरू हुआ तब विरोध करने वालों ने भी दिल पर पत्थर रखकर इसे नियति मान लिया। उन्हें लगा था कि मई 2017 तक निर्माणकार्य पूरा हो जाने से अनियंत्रित यातायात व्यवस्था में कुछ तो सुधार होगा लेकिन दो वर्ष बीत जाने के बाद भी ब्रिज का निर्माणकार्य पूरा नहीं हो सका है। ऐसे में धुतुरापाड़ा से नेल्सन मंडेला चौक के बीच न केवल यातायात व्यवस्था चरमरा गयी है बल्कि इस इलाके की दुकानों का कारोबार भी प्रभावित हो गया है। बारिश के दिनों में डीआइजी कार्यालय से लेकर लक्ष्मी टॉकीज चौक तक सर्विस रोड़ नर्क में तब्दील हो जाती है। निर्माणाधीन फ्लाईओवर इलाके में अंधेरा पसरा रहता है। बीते महीने जिलाधीश शुभम सक्सेना ने लोगों की शिकायतों के बाद खुद निर्माण कार्य का जायजा लिया और इसमें तेजी लाने का निर्देश दिया। इसके बाद थोड़ी तेजी दिखी है। बावजूद इसके यही कहा जा सकता है कि वर्ष 2020 से पहले निर्माणकार्य पूरा होना संभव नहीं और तबतक लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।

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