पेट दर्द ठीक करने के लिए मासूम को गर्म लोहे से दागा
सुंदरगढ़ जिले में अंधविश्वास व जागरूकता के अभाव में लोग तंत्र मंत्र नीम हकीम तथा दाग कर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। अंधविश्वास के कारण ही नुआगांव ब्लाक की चार साल की मासूम को पेट एवं उसके शरीर के विभिन्न हिस्से में गर्म लोहे से 50 से अधिक जगह दागा गया। इसके बावजूद दर्द ठीक नहीं हुआ जिस कारण इलाज के लिए सीडब्लूएस अस्पताल जगदा लाया गया जहां डा. रवि कुमार की देखरेख में उसका इलाज चल रहा है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : सुंदरगढ़ जिले में अंधविश्वास एवं जागरूकता के अभाव में लोग तंत्र मंत्र, झाड़ फूंक एवं नीम हकीम के जरिये मरीजों का इलाज कर रहे हैं। इसी चक्कर कई बार मरीज की जान पर बन आती है। कभी कभी तो जान भी चली जाती है। इसी अंधविश्वास में पड़कर नुआगांव ब्लाक की चार साल की मासूम को पेट सहित उसके पूरे शरीर पर गर्म लोहे से करीब 50 से अधिक बार दागा गया। इसके बावजूद उसका दर्द ठीक नहीं हुआ तो अंत में उसे इलाज के लिए सीडब्लूएस अस्पताल जगदा लाया गया। जहां डॉ. रवि कुमार की देखरेख में उसका इलाज चल रहा है।
नुआगांव ब्लाक के अंकुरपाली गांव निवासी राजू साहू व सावित्री साहू ने बताया कि चार साल की बेटी नंदिनी के पेट में अक्सर दर्द रहता था। अस्पताल दूर होने के कारण गांव के एक भगत से इलाज कराया। उसने दवा के साथ झाड़फूंक भी किया। इससे ठीक नहीं होने पर उसने दाग कर बीमारी ठीक करने की बात कही और लोहे को गर्म कर पेट, छाती, पीठ एवं अन्य हिस्से में दागा। इस पर भी बेटी की तबीयत में सुधार नहीं होने पर परिवार के लोग उसे लेकर सीडब्लूएस अस्पताल पहुंचे। जहां डॉ. रवि कुमार ने इलाज शुरू किया। मासूम बच्ची के शरीर पर लोहे से दागे जाने के कारण घाव के निशान बन गए हैं। हालांकि उसकी हालत खतरे से बाहर बतायी जा रही है। जिले में इस तरह की अब तक कई घटनाएं हो चुकी हैं। गांव से अस्पताल की दूरी 10 से 15 किलोमीटर तक होने के कारण भी लोग फर्जी चिकित्सक, नीम हकीम और झाड़फूंक करने वालों का सहारा लेने को मजबूर हैं।